प्राधिकरण में 8 साल से तैनात अधिकारियों की होगी जांच- मचा हडकंप
मुख्यमंत्री ने नोएडा के सुपरटेक एमरोल्ड प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन कराने के निर्देश दिए हैं।
नोएडा। सुप्रीम कोर्ट की ओर से सुपर टेक एमरोल्ड की दो बिल्डिंगों को गिराने के दिए गए आदेशों के बाद अब नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों के ऊपर कार्यवाही की तलवार लटक गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्ष 2004 से लेकर वर्ष 2012 तक प्राधिकरण में तैनात रहकर नियमों को नहीं मानने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों की जांच कर उनके खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा बिल्डर के खिलाफ भी प्राधिकरण की ओर से कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने नोएडा के सुपरटेक एमरोल्ड प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन कराने के निर्देश दिए हैं। शासन स्तर पर विशेष जांच समिति गठित की गई है। इस मामले की जांच कराकर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करते हुए उनके विरूद्ध आपराधिक केस दर्ज करने के भी निर्देश दिए गए हैं ।
दरअसल बिल्डर को जमीन का आवंटन करने से लेकर उसके नक्शे पास कराने तक का काम नोएडा प्राधिकरण के ग्रुप हाउसिंग व नियेाजन विभाग करते हैं। इस मामले में भी नियोजन विभाग में रिवाइज्ड नक्शे को अनुमति देने से लेकर कई बिंदुओं पर बिल्डर का साथ दिया। आरडब्ल्यूए वालों की नोएडा प्राधिकरण ने सुनवाई नहीं की। अब सुपरेटक एमरॉल्ड के संबंधित दोनों टावर गिराने का आदेश मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुना दिया। इन दोनों टावर के बनने के लिए बिल्डर के साथ-साथ नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी भी जिम्मेदार हैं, जिन्होंने इनको बनाने की अनुमति दी। ऐसे में इनके खिलाफ भी कार्रवाई होना तय माना जा रहा है। अधिकारिक सूत्रों की मानें तो मंगलवार को कोर्ट का आदेश आते ही उस समय तैनात रहे संबंधित अधिकारियों की सूची नोएडा प्राधिकरण में बननी शुरू हो गई है। इनकी विभागीय जांच के लिए आदेश जारी कर दिए गए हैं। प्रदेश सरकार को संबंधित अधिकारियों को सूची भेज कार्रवाई की जाएगी।