जानलेवा बन रहे प्रदूषण को रोकने के लिये कोई नहीं तैयार

वायु और ध्वनि प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी सरकार को अपनी तरफ से लताड़ लगा चुका है

Update: 2021-11-27 09:02 GMT

खतौली। जनपद की आबोहवा निरंतर जहरीली होती जा रही है। राजधानी समेत अन्य स्थानों पर लगातार बिगड़ते जा रहे वायु और ध्वनि प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी सरकार को अपनी तरफ से लताड़ लगा चुका है। अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट से आईना दिखाए जाने के बावजूद भी निरंतर बिगड़ रही आबोहवा को सुधारने के लिए उनकी ओर से कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। जिसके चलते नगर की रेहडी एवं ठैलियों पर रखे सामान को बेचने के लिए लाउडस्पीकर का सहारा लिया जा रहा है। सड़क किनारे खड़ी यह रेहडी ठैलियां जहां वायु और ध्वनि प्रदूषण का सबसे बड़ा इंतजाम कर रही है, वही यातायात में बाधक बनने को अतिक्रमण को बढ़ावा दे रही है।



नगर के जानसठ रोड, जीटी रोड व अन्य सड़क किनारे लगी रेहडी एवं ठैलियां जहां अतिक्रमण को बढ़ावा देते हुए सडकों की चौडाई को कम करते हुए यातायात में बाधक बन रही है। वहीं अब इन रेहडी एवं ठैलियों के माध्यम से ध्वनि प्रदूषण भी फैलाया जाने लगा है। कुछ दिनों पहले तक जहां रेहडी व ठैलियों पर सामान बेचने वाले लोग आवाज लगाकर ग्राहक का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करते थे। वही गला खराब होने से बचने के लिए अब इन्होंने लाउडस्पीकर का सहारा लेना शुरू कर दिया है। नगर की लगभग प्रत्येक ठैली एवं रेहडी पर रखे लाउडस्पीकर में एक बार आवाज भर दी जाती है, उसके बाद पूरे दिन यह लाउडस्पीकर आवाज लगाने का काम करते रहते हैं। इससे जहां ध्वनि प्रदूषण लगातार फैल रहा है वही इनसे हर समय उत्पन्न होने वाले शोर से आसपास के लोग बुरी तरह से तंग आ रहे हैं। इस बाबत जब शिकायत की जाती है तो रेहडी एवं ठैली वाले मरने मारने पर आमादा हो जाते हैं। हालांकि नगर की सड़कों से पूरे दिन पुलिस की गस्त जारी रहती है और पुलिस व प्रशासन के आला अधिकारी भी लगातार गुजरते रहते हैं। परंतु वायु और ध्वनि प्रदूषण के साथ अतिक्रमण को रोकने के प्रति वह जरा भी चिंतित दिखाई नहीं देते हैं।



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