छह चीनी मिलों पर किसानों का आधे से भी ज्यादा करीब बकाया
चीनी मिलों का पेराई सत्र जल्द ही खत्म होने वाला है और गांगनोली चीनी मिल ने तो पेराई बंद भी कर दी है
सहारनपुर। नये कृषि कानूनों के विरोध में चलाये जा रहे आंदोलन के बावजूद भी चीनी मिलें किसानों के गन्ना भुगतान को लेकर जरा सी भी गंभीर नही दिखाई दे रही है। सहारनपुर की छह चीनी मिलों पर किसानों का डाले गये गन्ने का आधे से भी अधिक लगभग सात सौ करोड़ रूपये बकाया है। ये चीनी मिले किसानों को आधे भी कम भुगतान ही कर पाई है।
शुक्रवार को जिला गन्नाधिकारी कृष्ण मोहन मणि त्रिपाठी ने कहा कि विभागीय प्रयासों के बावजूद जिले की छह चीनी मिलें मौजूदा पेराई सत्र में गन्ना मूल्य का 46 फीसदी ही भुगतान कर पाई है।
उन्होंने कहा कि जिले की छह चीनी मिलों पर अभी भी किसानों का 691 करोड़ रूपए इस सत्र का बकाया है। चीनी मिलों का पेराई सत्र जल्द ही खत्म होने वाला है और गांगनोली चीनी मिल ने तो पेराई बंद भी कर दी है और गागलहेड़ी चीनी मिल पैराई बंद करने जा रही है।
जिला गन्ना अधिकारी ने बताया कि इन चीनी मिलों द्वारा किसानों से 431 लाख क्विंटल गन्ना खरीदा गया है और चीनी मिलों ने 587 करोड़ रूपए का भुगतान किया है। उन्होंने देवबंद चीनी मिल की सराहना करते हुए कहा कि त्रिवेणी चीनी मिल देवबंद ने 288 करोड़ से भी ज्यादा का भुगतान किया है। सबसे कम भुगतान सहकारी चीनी मिल सरसावा ने 66 करोड़ रूपए का ही किया है।
उन्होंने बताया कि सहारनपुर जिले में 1.07 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में गन्ना की पैदावार हुई और चीनी मिलों ने 437 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई कर 45.62 लाख क्विंटल चीनी तैयार की। चीनी का परता इस बार 20.44 रहा जिसे अच्छा माना जाता है। भुगतान को लेकर ऐसे लचर हालात चीनी मिलों के उस स्थिति में है जब किसानों द्वारा नये कृषि कानूनों के विरोध में राजधानी दिल्ली के गाजीपुर, टीकरी और सिंघु बार्डर पर धरना देते हुए आंदोलन चलाया जा रहा है। जिसमें किसानों ने बकाया गन्ना भुगतान का मामला भी शामिल कर रखा है।