लॉकडाउन हटने के बाद तेजी से वापस लौट रहे लखनऊ मेट्रो के यात्री
कोरोना संकट के बादल छटने पर लॉकडाउन हटने के बाद लखनऊ मेट्रो एक बार फिर यात्रियों के लिये पहली पसंद बनने लगी है
लखनऊ। कोरोना संकट के बादल छटने पर लॉकडाउन हटने के बाद लखनऊ मेट्रो एक बार फिर यात्रियों के लिये पहली पसंद बनने लगी है। सोमवार को लखनऊ मेट्रो में यात्रियों की संख्या 60 हजार के स्तर को पार कर गयी। यह मैट्रो की सामान्य दिनों की राइडरशिप का लगभग 90 प्रतिशत है।
उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कार्पोरेशन (यूपीएमआरसी) के अनुसार लॉकडाउन हटने के बाद मेट्रो सेवा बहाल होने के 160 दिन के भीतर यात्रियों के मेट्रो की ओर वापस लौटने (राइडरशिप रिकवरी) की दर 85 प्रतिशत हो गयी है। सोमवार देर शाम तक दैनिक यात्रियों की संख्या 65 हजार के स्तर तक पहुंचने के अनुमान के आधार पर मेट्रो प्रबंधन ने राइडरशिप रिकवरी 90 प्रतिशत तक पहुंचने का दावा किया है।
मेट्रो प्रबंधन का कहना है कि मेट्रो रेल सेवा आरंभ होने के बाद से लखनऊ मेट्रो की राइडरशिप में वृद्धि का क्रम निरंतर ज़ारी है। नौ 9 जून को हुए अनलॉक-02 के बाद से यह अब तक की सर्वाधिक दैनिक राइडरशिप है। देश के अन्य मेट्रो सेवाओं की तुलना में लखनऊ मेट्रो में राइडरशिप की रिकवरी दर 85 प्रतिशत के साथ सबसे तेज़ है।
कोरोना के पहले चरण में लगे लॉकडाउन के खुलने के बाद 183 दिनों के में यात्रियों की संख्या 47 हजार तक पहुंच सकी थी वहीं अनलॉक-2 में महज 160 दिनों के भीतर ही यह आंकड़ा 60 हजार के पार पहुंच गया है।
गौरतलब है कि लॉकडाउन-1 से पूर्व लखनऊ मेट्रो की सर्वाधिक राइडरशिप 75,000 से अधिक थी। राइडरशिप में वृद्धि के दर को देखते हुए यह उम्मीद जताई जा सकती है कि जल्द ही लखनऊ मेट्रो लॉकडाउन-1 से पूर्व के अपने राइडरशिप संख्या तक वापस पहुंचने में सफल होगी।
यूपीएमआरसी मेट्रो के प्रबंध निदेशक, कुमार केशव ने इस उपलब्धि का श्रेय लखनऊवासियों को देते हुये उनका आभार व्यक्त किया है। साथ ही उन्होंने मेट्रो सेवा को उत्कृष्ट बनाये रखने के लिये यूपीएमआरसी की टीम की भी प्रशंसा की है।
वार्ता