भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए लैण्ड बैंक बनाये जाए- जयवीर सिंह

निर्माणाधीन पर्यटन विकास की विभिन्न योजनाओं में विलम्ब होने पर संबंधित अधिकारी की जवाबदेही तय करते हुए कठोर कार्यवाही की जायेगी।

Update: 2022-10-13 14:20 GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने विभागीय अधिकारियों एवं कार्यदायी संस्थाओं को निर्देश दिये हैं कि केन्द्रीय सेक्टर, प्रासाद स्कीम, राज्य सेक्टर, जिला सेक्टर तथा उ0प्र0 तीर्थ विकास परिषदों के अंतर्गत क्रियान्वित योजनाओं को समयबद्धता एवं गुणवत्ता के साथ पूरा करायें। उन्होंने यह भी कहा कि पर्यटन निदेशालय के अधिकारी एवं जनपदीय अधिकारी समय-समय पर निर्माणाधीन योजनाओं का स्थलीय निरीक्षण भी सुनिश्चित करें। उन्होंने यह भी कहा कि निर्माणाधीन पर्यटन विकास की विभिन्न योजनाओं में विलम्ब होने पर संबंधित अधिकारी की जवाबदेही तय करते हुए कठोर कार्यवाही की जायेगी।

मंत्री जयवीर सिंह आज यहां पर्यटन निदेशालय में पर्यटन विकास के लिए क्रियान्वित की जा रही योजनाओं के प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्याें में गुणवत्ता एवं समयबद्धता के साथ कोई समझौता नहीं किया जायेगा। उन्होंने यह भी कहा कि निर्माण परियोजनाओं, भवनों आदि का निर्माण मानक के अनुसार किया जाए और इसमें घटिया अथवा अधोमानक सामग्री पाये जाने पर संबंधित कार्यदायी संस्था एवं अधिकारी की जवाबदेही तय करते हुए धनराशि की कटौती के साथ विधिक कार्यवाही भी की जायेगी।

पर्यटन मंत्री ने यह भी कहा कि पर्यटन क्षेत्र में रोजगार एवं राजस्व अर्जन की असीमित संभावनायें हैं। कोरोना कालखण्ड के बाद से पर्यटन गतिविधियॉ पूर्व की स्थिति में आ गयी हैं। देशी-विदेशी पर्यटकों का आवागमन तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि उ0प्र0 में पर्यटन व सामर्थ्य के असीमित संसाधन हैं। पर्यटन की योजनाओं को इस तरह से क्रियान्वित किया जाए कि भारत आने वाला हर पर्यटक सबसे पहले उ0प्र0 की ओर रूख करे। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष जी-20 जैसे अन्तर्राष्ट्रीय बैठकें नई दिल्ली में होनी हैं। इसको दृष्टिगत रखते हुए उ0प्र0 के विभिन्न पर्यटन ब्राण्ड की मार्केटिंग करने के लिए पूरी तैयारी की जाए। इसके साथ ही पर्यटकों के लिए उनकी पसंद के हिसाब से बुनियादी सुविधाओं को विकसित किया जाए।

पर्यटन मंत्री ने कहा कि स्वदेश दर्शन, प्रासाद स्कीम के अंतर्गत योजनाओं को समय से पूरा करके उनकी पूर्णतः प्रमाण पत्र एवं फोटोग्राफ प्राप्त किये जाए। उन्होंने कहा कि प्रासाद स्कीम के अंतर्गत अयोध्या, वाराणसी, प्रयागराज, गोरखपुर, मथुरा, नैमिषारण्य, मिर्जापुर, बटेश्वर, संकिषा, कौशाम्बी, चित्रकूट, श्रावस्ती एवं कपिलवस्तु के अपूर्ण कार्य तत्काल पूरा कराये जाए। ताकि नई योजनाओं के लिए भारत सरकार को प्रस्ताव भेजकर धनराशि के लिए अनुरोध किया जा सके। साथ ही तीर्थ विकास परिषदों के भी अधूरे कार्यों को पूरा कराया जाए।

मंत्री जयवीर सिंह ने यह भी निर्देश दिये कि जिन जनपदों में जिला पर्यटन एवं संस्कृति प्रोत्साहन परिषद का गठन नहीं हुआ है। उसके तत्काल गठन की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। इसके साथ ही मा0 मुख्यमंत्री पर्यटन संवर्धन योजना का क्रियान्वयन सुनिश्चित करते हुए नवीन परियोजनाओं के लिए मा0 जनप्रतिनिधियों से प्रस्ताव लेकर कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। इसके साथ ही उ0प्र0 ईको-टूरिज्म डेवलपमेन्ट बोर्ड को बेहतर ढंग से क्रियाशील किये जाने के लिए अवशेष कार्यों को पूरा कर लिया जाए।

पर्यटन मंत्री ने यह भी निर्देश दिये कि पर्यटन नीति के अंतर्गत चिन्हित 12 पर्यटन परिपथों में पर्यटन विकास की परियोजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाई जाए तथा रोप-वे परियोजना, हेलीकाप्टर सेवा तथा लीज पर संचालित पर्यटन इकाईयों तथा विभिन्न संस्थाओं के एम0ओ0यू0 हस्ताक्षर की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। समीक्षा के दौरान विधानसभा क्षेत्र जेवर की एक पत्रावली काफी समय से लम्बित होने पर नाराजगी जाहिर करते हुए उन्होंने संबंधित के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये।

मंत्री जयवीर सिंह ने यह भी निर्देश दिये कि प्रदेश में पर्यटन की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए फाइलों का समय से निस्तारण सुनिश्चित कराया जाए और किसी भी स्तर पर तीन दिन से ज्यादा पत्रावली न रोकी जाए अन्यथा कठोर कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि अधिकारी परियोजनाओं के क्रियान्वयन में किसी के दबाव में न आकर बल्कि अपने विवेक से कार्य करें। ऐसे अधिकारियों को संरक्षण दिया जायेगा।

प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश मेश्राम ने क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारियों, पर्यटन सूचना अधिकारी तथा उप निदेशक पर्यटन को निर्देश दिये कि अपने-अपने जनपद में संचालित योजनाओं पर पैनी नजर रखें और निर्माण कार्य में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर स्थलीय निरीक्षण सुनिश्चित करें। इसके अलावा भविष्य में जमीन की आवश्यकता की पूर्ति के लिए भूमि क्रय की कार्यवाही तेजी से पूरी करें। इसके अलावा सभी जनपदों में महोत्सव आयोजित करने तथा जनपदों की स्थापना तिथि के अवसर पर स्थापना दिवस मनाये जाने का प्रस्ताव जिलाधिकारी के माध्यम से एक सप्ताह के अंदर भिजवाना सुनिश्चित करें। इसके अलावा जनपदों में स्थित पर्यटन विभाग की संपत्तियों की सूची भी उपलब्ध करायें।

इस समीक्षा बैठक में विशेष सचिव पर्यटन अश्वनी कुमार पाण्डेय, पर्यटन निदेशक प्रखर मिश्रा आईएफएस, संयुक्त निदेशक पर्यटन पर्यटन सलाहकार जे0पी0 सिंह, उप निदेशक पर्यटन मुख्यालय दिनेश कुमार तथा कल्याण सिंह के अलावा विभिन्न जनपदों के आर0टी0ओ0, ए0आर0टी0ओ0, टी0आई0ओ0 तथा कार्यदायी संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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