लखीमपुर खीरी हिंसा-मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत अर्जी वापस
जिला जज ने इसके साथ ही इस मामले में शामिल अन्य आरोपियों की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है
लखीमपुर खीरी। देशभर में बड़े पैमाने पर चर्चित लखीमपुर खीरी हिंसा कांड में मुख्य आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा मोनू की जमानत अर्जी तकनीकी खामियां होना बताते हुए वापस ले ली गई है। जिला जज ने इसके साथ ही इस मामले में शामिल अन्य आरोपियों की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है।
सोमवार को लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर दिन रविवार को नए कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों के ऊपर गाड़ी चढ़ाने के बाद हुई हिंसा के मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा मोनू के खिलाफ बढी धाराओं के मामले में जमानत पर सुनवाई होनी थी। लखीमपुर खीरी हिंसा कांड के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा मोनू के खिलाफ बढी हुई धाराओं में उनके अधिवक्ता अवधेश कुमार सिंह ने शनिवार को जिला जज मुकेश मिश्रा की अदालत में दूसरी जमानत अर्जी दाखिल कर दी थी। इस अर्जी पर आज सुनवाई हुई, लेकिन आशीष मिश्रा की अर्जी तकनीकी खामियों की वजह से वापस कर दी गई है। इस मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा मोनू के साथ जिला कारागार में बंद उसके साथियों अंकित दास, लतीफ, सत्यम एवं नंदन की जमानत अर्जी जिला जज की ओर से खारिज कर दी गई है। उल्लेखनीय है कि लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में हुई हिंसा के मामले में किसानों की ओर से दर्ज कराए गए मुकदमे में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के पुत्र आशीष मिश्रा मोनू समेत 13 लोग इस समय जेल में बंद बंद है। इस मामले की विवेचना में उस समय नया मोड़ आ गया था, जब 13 दिसंबर दिन सोमवार को मामले के विवेचक विद्या राम दिवाकर ने सीजेएम कोर्ट में अर्जी देकर कई धाराओं की बढ़ोतरी किए जाने की मांग की। सीजेएम की ओर से सभी आरोपियों को 14 दिसंबर को जेल से तलब किया गया था। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद देर शाम सीजेएम चिंताराम ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में विवेचक की अर्जी को स्वीकार करते हुए धारायें शामिल करने को अनुमति दे दी थी।