व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करने और युवाओं को रोजगार दिलाने में सरकार ने किए उल्लेखनीय प्रयास : कपिल देव अग्रवाल
कपिल देव अग्रवाल राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग, ने प्रदेश सरकार के तीन वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में की प्रेस कांफ्रेंस
लखनऊ । प्रदेश के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग, कपिल देव अग्रवाल प्रदेश सरकार के तीन वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में उपस्थित मीडिया प्रतिनिधियों को अवगत कराया कि पिछले तीन वर्षों में व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग द्वारा प्रदेश के युवाओं को व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करने तथा अधिक से अधिक प्रशिक्षित युवाओं को रोजगार दिलाने की दशा में अनेक उल्लेखनीय प्रयास किये गये है।
राज्य मंत्री ने कहा कि जनसंख्या के आंकड़े हमारे प्रदेश के पक्ष में हैं। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार विश्व के मात्र 5 देश चीन, भारत, अमेरिका, इण्डोनेशिया व ब्राजील की जनसंख्या ही उत्तर प्रदेश से अधिक है। हमारे प्रदेश की 60 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या ऐसी है जिसे हम प्रशिक्षण प्रदान कर कुशल जनशक्ति में बदल सकते हैं। ये युवा प्रदेश और देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी कुशल कारीगरों की मांग पूरी कर सकते हैं। जनसंख्या के इसी तरीके के आंकड़ों जिसे हम डेमोग्राफिक डिविडेन्ड या जनांकिक लाभ कह सकते हैं, के आधार पर जापान ने 1964 से 2004 तक चीन ने 1994 से 2010 तक अपने देश की तरक्की और खुशहाली प्राप्त की है। सन् 2055 तक हमारा जनसंख्या का अनुपात लगभग इसी प्रकार रहने की सम्भावना है जबकि सन् 2030 तक लगभग तीन चैथाई देशों में कुशल जनशक्ति का अभाव होने की आशा है। प्रदेश के विकास में इस जनशक्ति का बहुत बड़ा योगदान हो सकता है और इसीलिए हमारे मुख्यमंत्री जी ने इस वर्ष ''सीएम युवा हब'' तथा ''सीएम एप्रेन्टिसशिप प्रमोशन स्कीम'' लागू किये जाने की घोषणा की है। इन दोनों योजनाओं के लिए हमने बजट में वित्तीय प्राविधान भी कर लिया है और मा0 मुख्यमंत्री जी के दिशा निर्देशन के साथ हम इन्हें पूरे प्रदेश में लागू कर रहे हैं।
व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के अन्तर्गत सम्मिलित प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशालय, उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन, राज्य व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद व स्टाफ प्रशिक्षण एवं शोध केन्द्र द्वारा अर्जित की गयी उपलब्धियों पर चर्चा करते हुए राज्य मंत्री ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में 45 नए राजकीय आईटीआई खोले गये हैं तथा 509 निजी आईटीआई प्रदेश में स्थापित कराये गये है। प्रदेश के उक्त प्रयासों के फलस्वरूप वर्तमान में प्रदेश में 305 राजकीय आईटीआई तथा 2963 निजी आईटीआई संचालित किये जा रहे हैं। करौंदी (वाराणसी) तथा साकेत (मेरठ) में केन्द्र सरकार के सहयोग से 2 माॅडल आईटीआई भी विकसित किये गये है। इसके अतिरिक्त युवाओं को उपलब्ध टेªड्स की संख्या भी 56 से बढ़ाकर 72 कर दी गयी है। प्रदेश के युवाओं के लिए राजकीय आईटीआई में अब 1,72,352 सीटें उपलब्ध है, जबकि निजी आईटीआई में 4,58,243 सीटें उपलब्ध है। वर्तमान सरकार के कार्यभार ग्रहण करने से पूर्व यह संख्या क्रमशः 1,43,952 तथा 3,61,541 थी।
वर्ष 2017-18 से वर्ष 2019-2020 के दौरान प्रदेश की राजकीय आईटीआई में प्रशिक्षण की बेहतर सुविधाएँ व उन्नत अवस्थापनाएँ उपलब्ध कराने की दृष्टि से प्रमुख औद्योगिक प्रतिष्ठानों जैसे आईसीआईसीआई फाउण्डेशन, सैमसंग इण्डिया लि0, इण्डिया यामाहा मोटर्स लि0 तथा एलएण्डटी इत्यादि के साथ एमओयू हस्ताक्षरित किये गये है।
इसके अतिरिक्त आईटीआई के छात्रों को उनके मूल पाठ्यक्रम के साथ कम्प्यूटर्स, इंग्लिश स्पीकिंग तथा इन्टरप्रियनोरशिप व व्यक्तित्व विकास के क्षेत्रों में भी प्रशिक्षित किया जा रहा है ताकि वे आधुनिक उद्योगों की मांग के अनुरूप स्वंय को विकसित कर सकें।
उन्होंने यह भी बताया कि वर्ष 2019-2020 में पहली बार प्रदेश में आईटीआई के प्रशिक्षणार्थियों के लिए ऑनलाइन परीक्षाएँ सफलतापूर्वक आयोजित की गयी, जिससे इन परीक्षाओं की गुणवत्ता व विश्वसनीयता में सुधार हुआ है।
विगत तीन वर्षों में उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के द्वारा किये गये कार्यों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया कि वर्ष 2017-18 से फरवरी, 2020 के मध्य मिशन द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत 6,91,605 युवाओं का इनरोलमेंट किया गया, जबकि इससे पूर्व के तीन वर्षों अर्थात् 2014-15 से 2016-17 के मध्य 4,60,505 युवाओं का ही इनरोलमेंट किया गया था। इस प्रकार वर्तमान सरकार के आने के पश्चात् कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों में न केवल युवाओं की रूचि अधिक विकसित हुई है अपितु इनरोलमेंट के आंकड़ों में भी 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
प्रशिक्षण पूर्ण करने वाले युवाओं के विषय में मंत्री जी ने बताया कि वर्ष 2017-18 से फरवरी, 2020 के मध्य 6,08,936 युवाओं द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त किया गया जबकि इसके पूर्व के तीन वर्षों में मात्र 3,71,380 युवा ही प्रशिक्षण प्राप्त कर सके थे। इन आंकड़ों में भी वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 64 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि विभाग द्वारा कौशल प्रशिक्षण की दिशा में किये जा रहे समस्त प्रयासों का उद्देश्य अधिक से अधिक युवाओं को सेवायोजित कराना है। इस सम्बन्ध में उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन द्वारा पिछले तीन वर्षों में सराहनीय प्रयास किये गये है तथा वर्ष 2017-18 से फरवरी, 2020 के दौरान 2,53,335 युवाओं को सेवायोजित करने में सफलता प्राप्त की गयी है, जबकि इससे पहले के तीन वर्षों में केवल 1,36,160 युवाओं को ही रोजगार मिल सका था, जिससे स्पष्ट है कि वर्तमान सरकार के तीन वर्ष के कार्यकाल में ही पिछली सरकार के तीन वर्ष के कार्यकाल की तुलना में 86 प्रतिशत अधिक युवाओं को रोजगार मिला है।
चालू वर्ष में किये जा रहे कार्यों पर प्रकाश डालते हुए राज्यमंत्री द्वारा अवगत कराया गया कि इस वर्ष उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन द्वारा 5 लाख से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है, जबकि पिछले वर्ष के लक्ष्य 2,92,500 युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया था, इस प्रकार वर्ष 25019-2020 मंे पिछले वर्ष की तुलना में प्रशिक्षित युवाओं के लक्ष्य में 71 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस लक्ष्य में 2,37,500 परम्परागत शिल्पकार भी शामिल है, जिनके कौशल को मान्यता प्रदान करते हुए उन्हें प्रशिक्षण व प्रमाण पत्र उपलब्ध कराये जा रहे हंै। पण्डित दीनदयाल उपाध्याय जी के अन्त्योदय के दर्शन को साकार करते हुए मुसहर, वनटांगिया, थारू सहित अन्य जनजातियों जैसे उपेक्षित समुदायों को कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों में विशेष प्राथमिकता प्रदान की गयी है तथा दिव्यांगजनों हेतु विशेष प्रकार के प्रशिक्षण प्रदाताओं को अनुबंधित करने की कार्यवाही की जा रही है।
कपिल अग्रवाल ने यह भी बताया कि कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों तक युवाओं की पहुँच को सुगम बनाने के लिए प्रशिक्षण केन्द्रों को तहसील स्तर तक स्थापित करने की रणनीति बनाई गयी है, जिसका आवश्यकतानुसार और प्रसार किया जायेगा। कौशल सतरंग कार्यक्रमों की चर्चा करते हुए उन्होंने अवगत कराया कि कौशल सतरंग का उद्घाटन मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा दिनांक 12 मार्च, 2020 को किया गया, जिसमें सीएम युवा हब तथा सीएम एप्स के अतिरिक्त जिला कौशल विकास योजना की तैयारी, कौशल पखवाड़े का आयोजन, आईआईटी कानपुर तथा आईआईएम लखनऊ के साथ एमओयू का निष्पादन आरपीएल के अन्तर्गत परम्परागत शिल्पकारों का प्रशिक्षण व प्रमाणन तथा विशेषज्ञ प्लेसमेंट एजेन्सीज तथा रोजगार मेलों के आयोजन सम्बन्धी कार्यक्रम सम्मिलित है। आईआईटी कानपुर तथा आईआईएम लखनऊ के साथ किये गये अनुबंधों के सम्बन्ध में स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि आईआईटी कानपुर द्वारा विश्व व राष्ट्रीय स्तर की कौशल प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए प्रदेश के युवाओं को अन्तर्राष्ट्रीय मापदण्डों के अनुसार आईआईटी कानपुर द्वारा प्रशिक्षित किया जायेगा। दो वर्ष की अवधि में 50-50 युवाओं के दो बैच आईआईटी कानपुर द्वारा प्रशिक्षित किये जाएंगें। इसके अतिरिक्त आईआईटी कानपुर द्वारा प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों तथा प्रशिक्षण संस्थानों की गुणवत्ता में सुधार हेतु डिजिटल पाठ्यक्रम तैयार किये जाएगें व तीन वर्षों तक प्रतिवर्ष 5 राजकीय आईटीआई का गहन अध्ययन कर सुधार हेतु संस्तुतियाँ प्रस्तुत की जाएगी। इसके अलावा आईआईएम, लखनऊ के साथ भी प्रदेश सरकार ने एक एमओयू हस्ताक्षरित किया है, जिसके अन्तर्गत आईआईएम-लखनऊ द्वारा सीएम-युवा कार्यक्रम के लिए नाॅलेज पार्टनर के रूप में आवश्यक प्रबंधकीय सहयोग उपलब्ध कराया जायेगा।
आगामी दो वर्ष की कार्ययोजना पर चर्चा करते हुए राज्य मंत्री ने बताया कि इस अवधि में 35 नए राजकीय आईटीआई का निर्माण पूर्ण किया जाएगा तथा 21 नए राजकीय आईटीआई में प्रशिक्षण प्रारंभ किया जाएगा। सुल्तानपुर में निर्माणाधीन शिल्पकार अनुदेशक प्रशिक्षण संस्थान को पूर्ण कराकर 4 व्यवसायों में प्रशिक्षण प्रारंभ कराना तथा एससीवीटी (स्टेट काउंसिल फाॅर वोकेशनल टेªनिंग) के अन्तर्गत वर्तमान में संचालित की जा रही 20,142 सीटों की एनसीवीटी (नेशनल काउंसिल फाॅर वोकेशनल टेªनिंग) से मान्यता प्राप्त करना भी आगामी दो वर्ष की रणनीति का अंग है।मुख्यमंत्री अप्रेन्टिसशिप प्रमोशन स्कीम के अन्तर्गत प्रतिवर्ष 1 लाख युवाओं को अप्रेन्टिसशिप में नियोजित किये जाने का लक्ष्य है।
उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन की वर्ष 2020-21 तथा 2021-22 की प्रस्तावित गतिविधियों के सम्बन्ध में राज्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि मिशन हेतु वर्ष 2020-21 में 3,93,000 युवाओं के प्रशिक्षण का लक्ष्य है, जबकि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के लक्ष्य भारत सरकार से निर्धारित होने शेष है। इन लक्ष्यों को सम्मिलित करते हुए वर्ष 2020-21 में मिशन द्वारा 7 लाख युवाओं को प्रशिक्षित किया जाना लक्षित है जिसमें परम्परागत शिल्पकारों के प्रशिक्षण व प्रमाणीकरण को भी सम्मिलित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त युवाओं में कौशल प्रतिस्पद्र्धा को बढ़ावा देने के लिए कौशल प्रतियोगिताओं (कौशलाथाॅन) का आयोजन तथा अधिक से अधिक युवाओं को सेवायोजित कराने के लिए बड़ी संख्या में वृहद् रोजगार मेलों के आयोजन के कार्यक्रम भी किये जाएंगें।
उन्होंने मिशन द्वारा वर्ष 2020-21 से कौशल विकास योजनाओं की रणनीति के क्रियान्वयन में भी परिवर्तन किये जाने के सम्बन्ध में अवगत कराया तथा स्पष्ट किया कि अब इन योजनाओं को जनपद की आवश्यकता व संस्तुतियों के अनुसार ही संचालित किया जाएगा। सीएम युवा हब के अन्तर्गत वर्ष 2020-21 में 30,000 स्वरोजगार इकाईयों की स्थापना करायी जाएगी।
उन्होंने बताया कि अग्रेतर वर्ष 2021-22 में भी 7 लाख युवाओं के प्रशिक्षित करने व 30,000 स्वरोजगार इकाईयों के स्थापना के लक्ष्य को निर्धारित किया गया है। दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना के अन्तर्गत 80,000 युवाओं को वर्ष 2021-22 में प्रशिक्षित किया जाएगा।