मिला झटका-है डबल एमए करने का इरादा तो इतने फ़ीसदी नंबर होना जरूरी

कोविड-19 की वजह से स्कूल कॉलेजों को बंद कर दिए जाने के बाद प्रमोट किए गए छात्र छात्राओं के लिए अब एक नई परेशानी खडी हुई।;

Update: 2022-08-10 10:49 GMT

इलाहाबाद। कोविड-19 की वजह से स्कूल कॉलेजों को बंद कर दिए जाने के बाद प्रमोट किए गए छात्र छात्राओं के लिए अब एक नई परेशानी खडी हो गई है। ग्रेजुएट बनने के बाद डबल एमए कर और अधिक शिक्षित बनने की कतार में खड़े विद्यार्थियों को इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की ओर से जोर का झटका दिया गया है। मिनिमम मार्क्स के नियमों में बदलाव करते हुए इलाहाबाद यूनिवर्सिटी ने डबल एमए करने की चाहत रखने वाले विद्यार्थियों के पास 70 फ़ीसदी नंबर होने की शर्त रख दी है।

दरअसल वर्ष 2019 के दौरान आये कोविड-19 की वजह से पिछले दिनों सरकार की ओर से संक्रमण को काबू में करने के लिये स्कूल कॉलेज बंद कर दिए जाने के कारण छात्र-छात्राओं की समुचित पढ़ाई नहीं हो पाई थी। विद्यार्थियों का वर्ष बर्बाद नहीं हो इसके लिए सरकार ने विशेषज्ञों की माथापच्ची के बाद कुछ नियम निर्धारित कर छात्र छात्राओं को अगली कक्षाओं में प्रमोट कर दिया था। अनेक विद्यार्थी तो ऐसे भी रहे हैं जो बिना पढ़े लिखे और परीक्षा दिए बगैर 2 कक्षाएं एक साथ प्रमोट के जरिए उतीर्ण का सर्टिफिकेट प्राप्त कर अगली कक्षाओं में पहुंच गए हैं।

प्रमोट किए गए यह छात्र छात्राएं जब यूनिवर्सिटी को अपने लिए सिरदर्द बनते दिखाई दिए तो यूनिवर्सिटी ने मिनिमम मार्क्स के नियमों में बदलाव करते हुए डबल एमए करने की चाहत रखने वाले छात्र-छात्राओं के पास 70 फ़ीसदी नंबर होना अनिवार्य कर दिया है।

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