पुलिस में ही फर्जीवाड़ा-जीजा की जगह साला ही करता रहा नौकरी
आरोपियों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाने वाली पुलिस बरसों तक खुद ही फर्जीवाड़ा झेलती रही।
मुरादाबाद। फर्जीवाड़े को उजागर करते हुए आरोपियों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाने वाली पुलिस बरसों तक खुद ही फर्जीवाड़ा झेलती रही। जिसके चलते 5 वर्षों तक जीजा के स्थान पर साला पुलिस की वर्दी पहनकर नौकरी करता रहा। मामले का पता चलने पर साला तो फरार हो गया। लेकिन पुलिस ने जीजा को गिरफ्तार कर लिया है।
दरअसल पुलिस विभाग में डायल 112 सेवा में ठाकुरद्वारा कोतवाली में अनिल कुमार कांस्टेबल के रूप में तैनात हुआ था। इसी बीच दी गई परीक्षा के बाद उसकी नौकरी शिक्षा विभाग में अध्यापक के पद पर लग गई। अनिल कुमार ने पुलिस विभाग से त्यागपत्र देते हुए शिक्षा विभाग में नौकरी करना मुनासिब नहीं समझा और आरोप है कि अपने स्थान पर साले सुनील उर्फ सनी को अपनी पुलिस की वर्दी पहना दी। जिसके चलते अनिल कुमार का साला पुलिस की वर्दी पहनकर जीजा के स्थान पर नौकरी करने के लिए जाने लगा। 5 साल तक डायल 112 पीआरवी पर सुनील उर्फ सनी लगातार नौकरी करते हुए तनख्वाह भी निरंतर पाता रहा। लेकिन किसी को भी पुलिस विभाग में हो रहे इस फर्जीवाड़े की भनक तक नहीं लगी। इसी बीच किसी विरोधी ने तमाम मामले की शिकायत पुलिस विभाग को कर दी। जब मामले की छानबीन हुई तो पुलिस विभाग में हो रहा यह फर्जीवाड़ा खुलकर सामने आया। डेमेज कंट्रोल के लिये आनन-फानन में पुलिस अधिकारियों ने फर्जीवाड़े को अंजाम देने वाले कांस्टेबल एवं अध्यापक अनिल कुमार को हिरासत में ले लिया है। जीजा के गिरफ्तार हो जाने की भनक लगते ही पुलिस की वर्दी में अभी तक डायल 112 पीआरवी पर नौकरी कर रहा साला सुनील कुमार फरार हो गया है। दोनों आरोपी जनपद मुजफ्फरनगर के खतौली निवासी बताए जा रहे हैं।
माना जा रहा है कि किसी खतौली निवासी व्यक्ति ने ही विभीषण के रूप में इस तमाम मामले की शिकायत पुलिस विभाग के अधिकारियों को की है। जिसके चलते यह बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर हो सका है। पुलिस अब फरार हुए फर्जी पुलिस कांस्टेबल सुनील कुमार की तलाश में ताबड़तोड़ दबिश दे रही है। आरोपी कांस्टेबल अनिल कुमार मुजफ्फरनगर के खतौली थाने के गा्रम दाहौड का रहने वाला बताया जा रहा है और वह वर्ष 2011 में पुलिस में भर्ती हुआ था। बताया जा रहा है कि ट्रेनिग में चार बार फेल होने के बाद सुनील कुमार गोरखपुर में हुुई ट्रेनिग में पास हुआ था। जिसके बाद वह बरेली जनपद में पुलिस लाइन में तैनात हुआ। वर्ष 2016 में मुरादाबाद में अपना ट्रांसफर करवाने के बाद ही अनिल कुमार का चयन अध्यापक पद पर हो गया और उसकी मुजफ्फरनगर में ही तैनाती हो गयी थी। उसके बाद चोरी से विभाग में खेल करके अपने स्थान पर अपने साले सुनील उर्फ सनी को उसने किसी तरह नौकरी ज्वाइन करवा दी। वर्ष 2016 के बाद से सुनील उर्फ सनी कांस्टेबल पद पर नौकरी कर रहा था। वर्ष 2016 से पुलिस की वर्दी पहनकर नौकरी कर रहा साला सुनील कुमार भी जनपद मुजफ्फरनगर के ही गांव गंगधाड़ी खतौली का निवासी बताया जा रहा है।