प्राइवेट इलाज कराने वाले मरीजों को भी पांच सौ रूपये प्रतिमाह की सहायता
निजी अस्पतालों में भी इलाज कराने वाले मरीजों को पांच सौ रूपये प्रतिमाह की सहायता दे रही है
झांसी। देश से टीबी के उन्मूलन के लिए हर संभव प्रयास कर रही केंद्र सरकार सरकारी के साथ साथ निजी अस्पतालों में भी इलाज कराने वाले मरीजों को पांच सौ रूपये प्रतिमाह की सहायता दे रही है।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ एस के खत्री ने यहां आईएमए हॉल में मंगलवार को पत्रकारों को बताया कि टीबी के मरीजों के लिए केंद्र सरकार ने एक विशेष पहल की है जिसके अंतर्गत सरकारी अस्पताल से इतर कोई रोगी प्राइवेट अस्पताल में भी अपना इलाज करा सकता है। निजी अस्पताल में उपचार के बावजूद रोगी को इलाज के साथ साथ 500 रुपये प्रति माह पोषण राशि के रूप में भुगतान किया जाएगा। यही नहीं उस मरीज को नोटिफाइड करने वाले निजी चिकित्सक को भी 500 रुपये रोगी को नोटिफाइड करने तथा 500 रुपये उपचार पूर्ण होने के बाद भुगतान किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि टीवी एक भयंकर संक्रामक बीमारी है जो माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्यूलोसिस नाम के बैक्टीरिया के संक्रमण से फैलती है। वर्ष 2015 में देश में 28 लाख नए टीवी के रोगी खोजे गए थे। यही नहीं उनमें से 4.8 लाख टीवी के रोगियों की मृत्यु हुई थी। संसार के कुल टीवी रोगियों के 27 प्रतिशत टीवी रोगी भारत में पाए जाते हैं। यह बीमारी शरीर के किसी भी अंग में हो सकती है, लेकिन मुख्यतः फेफड़े में इसके होने के 80 प्रतिशत आसार हो सकते हैं। पल्मोनरी टीबी के कारण रोगी को खांसी, बुखार, वजन का कम होना, खांसी में खून आना आदि लक्षण देखे जा सकते हैं। उपचार से टीवी पूर्णता ठीक हो जाती है।
उन्होंने बताया कि 27 मार्च 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में कहा था कि हमें भारत में टीवी को हराना है। 2017-18 के वार्षिक बजट भाषण में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी 2025 तक टीवी को खत्म करने का संकल्प लिया था। इतना ही नहीं 17 अप्रैल 2017 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टीवी मुक्त उत्तर प्रदेश का आह्वान किया था। लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए केंद्र सरकार ने क्षय रोग के निदान को आधुनिक तकनीकों से युक्त प्रयोगशाला विकसित की है। इसी क्रम में झांसी में 03 सीबीनॉट लैब क्रियाशील की गई और सीएण्डडीएसटी लैब, माइक्रोबायोलॉजी विभाग महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में विकसित की जा रही है।
केंद्र सरकार द्वारा यह गजट जारी किया गया है कि कोई भी चिकित्सक यदि किसी क्षय रोगी का उपचार करता है तो उसकी सूचना निश्चय पोर्टल पर दी जाएगी। प्राइवेट चिकित्सकों द्वारा देखे जा रहे क्षय रोगियों का डाटा भी निश्चय पोर्टल के माध्यम से अघुनान्त किया जा रहा है । ऐसे प्राइवेट चिकित्सकों को 500 रुपए मरीज नोटिफाइड करने पर तथा 500 प्रति रोगी उपचार पूर्ण होने पर प्रोत्साहन राशि के रूप में भुगतान किया जा रहा है। क्षय रोगियों को पोषण हेतु उपचार की अवधि तक 500 रुपये प्रतिमाह का भुगतान किया जाता है। टीवी की आधुनिक जांच व समस्त उपचार सभी स्वास्थ्य केंद्र पर निशुल्क उपलब्ध है।
उन्होंने बताया कि 2021 में झांसी में 6568 मरीजों को नोटिफाइड किया गया था। जब तक उनका उपचार चलाया गया, उनके खाते में 500 रुपए प्रति माह भेजा गया। कुल 91 प्राइवेट चिकित्सकों ने क्षय रोग का उपचार किया। साथ ही इनमें से 90 प्रतिशत मरीज ठीक हो गए। इस अवसर पर उनके साथ डॉ ललित मोहन नरवरिया भी उपस्थित रहे।
वार्ता