झगड़ा करना पड़ा महंगा- शिकायत कर पति को करा दिया फर्जी शिक्षक साबित
नाराज पत्नी ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी पाने की शिकायत विभाग में कर दी।
बरेली। उत्तर प्रदेश के बरेली में करीब 10 साल पहले अनुसूचित जाति का फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर बेसिक शिक्षा विभाग में पीलीभीत में अध्यापक बने एक व्यक्ति के लिये घरेलू झगड़ा तब मंहगा साबित हुआ जब उसकी नाराज पत्नी ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी पाने की शिकायत विभाग में कर दी। जांच में शिकायत सही पाये जाने पर विभाग ने फर्जी शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई शुरु कर दी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जागृति नगर, करगैना निवासी वीरपाल की पत्नी ने उसके पुर्जीवाड़े की शिकायत विभाग में कर दी। तहसीलदार सदर ने वीरपाल के दस्तावेजों की जांच करायी, जिसमें अनुसूचित जाति का उसका प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया। तहसील प्रशासन ने संबंधित विभाग को उसके विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए संस्तुति भेज दी है। बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) पीलीभीत ने कहा है कि इस मामले में कानूनी कार्रवाई कराई जाएगी।
वीरपाल ने करीब 10 साल पहले तत्कालीन तहसीलदार सदर से अनुसूचित जाति (धनगर) का प्रमाण पत्र संख्या प्राप्त कर लिया। वीरपाल मूल रूप से लोहापट्टी भोलानाथ, तहसील मिलक, जिला रामपुर, का निवासी था। बताया जाता है कि बरेली तहसील से अनुसूचित का प्रमाण पत्र प्राप्त करने के बाद उसने बेसिक शिक्षा विभाग पीलीभीत में अध्यापक की नौकरी प्राप्त कर ली। बताया जाता है, इसी दौरान पत्नी से संबंध खराब हो गए। जिसके चलते पत्नी ने फर्जी प्रमाण पत्र की शिकायत शासन स्तर पर कर दी।
बरेली में सदर तहसीलदार अनिल कुमार ने बताया कि पिछले कई माह से इसकी शिकायत इधर-उधर घूम रही थी। इस पर उन्होंने जनपद स्तर पर गठित सत्यापन समिति से जांच कराई। समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र गलत है, क्योंकि वीरपाल मूलरूप से रामपुर निवासी होने के साथ-साथ गडरिया जाति से ताल्लुक रखता है। जो कि अनुसूचित जाति श्रेणी में नहीं है। धनगर जाति इस इलाके में आसपास कहीं नहीं पाई जाती है। रिपोर्ट मिलते ही सदर तहसीलदार अनिल कुमार ने अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र रद्द कर दिया।
अनिल कुमार ने अपने आदेश में कहा है कि यदि वीरपाल द्वारा इस अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र का किसी योजना हेतु प्रयोग में लाया जाता है तो उसकी पूर्ण जिम्मेदारी स्वयं उसकी होगी। बेसिक शिक्षा अधिकारी पीलीभीत अमित कुमार सिंह ने बताया कि फर्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी करने वाले वीरपाल के विरुद्ध सुसंगत धाराओं में विधिक कार्यवाही की जा रही है।