कोरोना के बीच किसानों का 10 मई को क्रांति दिवस मनाने का ऐलान
नये कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक
गाजियाबाद। नये कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा की बैठकमें 10 मई को क्रांति दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है। इस दौरान प्रवासी मजदूरों और गरीबों के लिए आंदोलन स्थल पर 24 घंटे भोजन की व्यवस्था किए जाने की घोषणा भी मोर्चा की तरफ से की गई है।
केंद्र सरकार के नये कृषि कानूनों के विरोध में राजधानी के गाजीपुर, टीकरी और सिंधु बॉर्डर पर चलाए जा रहे आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि देश में वर्ष 1857 में अंग्रेजों की गुलामी से मुक्ति पाने के लिये आजादी के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन की शुरुआत 10 मई को हुई थी। इसलिए नए कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसान 10 मई को क्रांति दिवस के रूप में मनाएंगे। किसान मोर्चा का कहना है कि इस दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोरोना-19 की गाइडलाइन का ध्यान रखते हुए किसानों से अपने अपने स्तर से क्रांति दिवस मनाने की अपील की गई है। संयुक्त किसान मोर्चा गाजीपुर के प्रवक्ता जगतार सिंह बाजवा ने बताया कि आगामी 10 मई को क्रांति दिवस के मौके पर सजाये मंच से अमर शहीद मंगल पांडे समेत अन्य शहीदों को याद करते हुए उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी। इस दौरान किसान आंदोलन को सफलता के मुकाम तक पहुंचाने का संकल्प भी किसान नेताओं व किसानों द्वारा दोहराया जाएगा। किसान मोर्चा की ओर से घोषणा की गई है कि कोरोना संक्रमण की वजह से लगाये गये लॉकडाउन की मार झेल रहे प्रवासी मजदूरों व गरीबों के लिए सवेरे 7.00 बजे से लेकर 9.00 बजे तक जलपान तथा सवेरे 9.00 बजे से लेकर रात 9.00 बजे तक भोजन की आंदोलन स्थल पर व्यवस्था रहेगी। इस दौरान किसी भी समय आने वाले जरूरतमंदों को भी भोजन मुहैया कराया जाएगा। आंदोलन स्थल के आसपास कोई भी व्यक्ति रोटी के अभाव में भूखा ना सोए इसकी जिम्मेदारी किसान आंदोलन चला रहे स्वयंसेवकों को सौंपी गई है। बैठक में डी.पी. सिंह, बलजिंदर सिंह मान, धर्मपाल सिंह सहित अन्य कई लोग मौजूद रहे।