सहारनपुर के गांव में मिले गंगा घाटी सभ्यता के साक्ष्य

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण आगरा के पांच माह तक किए गए उत्खनन में मिले अवशेषों के अध्ययन से गंगा घाटी सभ्यता के साक्ष्य मिले हैं।

Update: 2020-11-17 10:44 GMT

सहारनपुर। उत्तर प्रदेश में सहारनपुर जिले की तहसील रामपुर मनिहारान के गांव सकटपुर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण आगरा के क्षेत्रीय दल द्वारा पांच माह तक किए गए उत्खनन में मिले अवशेषों के अध्ययन से गंगा घाटी सभ्यता के साक्ष्य मिले हैं।

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण आगरा के अधीक्षक डा भुवन विक्रम की अगुवाई में मेरठ मंडल के दल ने उत्खनन का कार्य किया था। उत्खनन के दौरान पहले मिट्टी के बर्तनों के अवशेष मिलें फिर पक्की मिट्टी के बर्तनों के टुकड़ें, तांबे की चूड़ियां, खिलौने के गाड़ी के पहियों के अवशेष और पशु आकृति मिलने के बाद पुरातत्वविदों ने नौ- ट्रैंचों पर उत्खनन कार्य किया।

खुदाई में तांबे के छह प्राचीनकालीन हस्तकुठार और कुल्हाड़ी भी मिली जो मृदभांड परंपरा संस्कृति से संबंधित 4000 वर्ष पुराने हैं। जिसमें पत्थर का सिल- बट्टा, दाल के बीज, कोयला, जानवर का जबड़ा और सजावटी मिट्टी के बर्तन के अवशेष मिले। दो पक्की व एक कच्ची भट्टी, तीन और पक्की भट्टी और सिल- बट्टे, पक्षी को मारने वाली हाथ से बनी गुलेल आदि मिले। उत्खनन में प्राप्त सभी वस्तुओं का पुरातत्वविदों ने आगरा में ले जाकर अध्ययन किया।

इस अध्ययन में यह पाया गया कि सकटपुर से बरामद अवशेष चार हजार वर्ष पुराने गंगा घाटी सभ्यता से जुड़े हुए हैं। सहारनपुर के लोगों ने पुरातत्व विभाग से यह अपेक्षा की है कि वे उत्खनन का कार्य जारी रखेंगे, जिससे इतिहास में झांकने का और अपनी पुरानी संस्कृति से साक्षात्कार का मौका मिल सके।

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