बीमा कंपनियों के कर्मचारियों ने गंगवार से लगायी हस्तक्षेप की गुहार
पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं सार्वजनिक उपक्रमों की समिति के अध्यक्ष संतोष गंगवार से हस्तक्षेप करने की मांग की।
बरेली। सार्वजनिक क्षेत्र की साधारण बीमा कंपनियों के कर्मचारियों ने शनिवार को पुनर्गठन के नाम पर कार्यालयों को जबरन बंद करने और विलय करने का आरोप लगाते हुये पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं सार्वजनिक उपक्रमों की समिति के अध्यक्ष संतोष गंगवार से हस्तक्षेप करने की मांग की।
जनरल इंश्योरेंस इम्पलाइज ऑल इंडिया एसोसिएशन के महासचिव त्रिलोक सिंह के नेतृत्व में साधारण बीमा कंपनियों के कर्मचारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने यहां गंगवार को ज्ञापन सौंपा और उनके हस्तक्षेप की मांग की। उन्होने कहा कि जिप्सा का कॉर्पोरेट प्रबंधन मनमाने एवं एकतरफा रूप से बड़े पैमाने पर पूरे देश में कार्यालयों को बंद करने और अनेक कार्यालयों के विलय करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है जबकि अनेक कार्यालय लाभदायक व जनता को सेवा प्रदान करने की दृष्टिकोण से बहुत उपयोगी हैं।
ज्ञापन में कहा गया कि केपीआई और पुनर्गठन पर सभी चार सार्वजनिक क्षेत्र की साधारण बीमा कंपनियों द्वारा नियुक्त सलाहकार ईएंडवाई की अंतिम रिपोर्ट को साझा किए बिना ही इन कंपनियों में पुनर्गठन के कार्यान्वयन को लागू कर रहा है, जबकि ट्रेड यूनियन और संघ इस विषय पर लगातार सार्थक चर्चा की मांग कर रहे हैं ।
उनका कहना था कि जिप्सा प्रबंधन का यह कृत्य पूर्ण रूप से अवैध एवं असंवैधानिक है और इसने पूरे उद्योग में दहशत और प्रबंधन और कर्मचारियों के बीच गंभीर औद्योगिक समस्याओं को पैदा कर दिया है। प्रशासनिक कार्य करने वाले हजारों कर्मचारियों को अतार्किक तरीके से या तो व्यवसाय विकास कार्यों को स्वीकार करने के लिए मजबूर किया जा रहा है या क्षेत्रीय कार्यालय में एक कॉमन पूल में रखने की धमकी भी दी जा रही है, जिससे कि उनका स्थानान्तरण कहीं भी किया जा सके और अप्रत्यक्ष रूप से उन्हें स्वैछिक सेवानिवृत्ति चुनने के लिए मजबूर किया जा रहा है ।
वार्ता