गंगा में आस्था की डुबकिया लगाकर पुण्य कमाया-पंडितों को दी दान दक्षिणा

गढ़मुक्तेश्वर और बृजघाट में बड़ी संख्या में पहुंची श्रद्धालुओं ने गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व पर गंगा में डुबकियां लगाई।

Update: 2022-07-14 07:42 GMT

हापुड़। जनपद की प्रमुख तीर्थ नगरी गढ़मुक्तेश्वर और बृजघाट में बड़ी संख्या में पहुचे श्रद्धालुओं ने गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व पर गंगा में आस्था की डुबकियां लगाई। गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व के मौके पर गंगा स्नान में करने के लिए तीर्थ नगरी बृजघाट में लाखों श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़ कल रात से ही उमडना शुरू हो गई थी।

दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जनपदों से बृजघाट के गंगा घाट पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा में डुबकियां लगाने को पहुंचे। गुरु पूर्णिमा के दिन गुरुओं की पूजा और उनका सम्मान करने की परंपरा है। शास्त्रों में भी गुरु को भगवान से ऊपर का दर्जा दिया गया है। ऐसे में गुरु पूर्णिमा के दिन अपने गुरुओं और बड़ों का आशीर्वाद लेना चाहिए। गुरुओं का स्थान ईश्वर से ऊपर बताया गया है, गुरु हमें जीवन का सच्चा मार्ग दिखाने में मदद करते हैं।

गुरु पूर्णिमा हर साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। इस दिन पुराणों की रचना और वेदों को विभाजन करने वाले वेदव्यास जी का जन्म हुआ था। इस दिन को व्यास जयंती के नाम से भी जाना जाता है।

जनपद हापुड़ की प्रमुख तीर्थ नगरी बृजघाट में प्रशासन ने गंगा स्नान के पर्व को सकुशल संपन्न कराने के लिये पहले से होमवर्क करते हुए यातायात के सुचारू संचालन के पुख्ता इंतजाम कर लिये थे। इसी का परिणाम रहा कि पर्व पर पुलिस ने नहीं सर्विस रोड पर जाम नही लगने दिया।

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