ताजमहल के बंद कमरों को लेकर लगी कोर्ट की लताड़- 2 बजे फिर सुनवाई
दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की ओर से याचिकाकर्ता को जमकर लताड़ लगाई गई है
प्रयागराज। आगरा में ताज महल के भीतर बंद पडे 22 कमरों के दरवाजे खोले जाने की मांग को लेकर दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की ओर से याचिकाकर्ता को जमकर लताड़ लगाई गई है। अदालत ने कहा है कि कृपया पीआईएल सिस्टम को मजाक का माध्यम नहीं बनाएं। लताड़ लगाने के बाद हाईकोर्ट की ओर से सुनवाई आज दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दी गई है।
बृहस्पतिवार को हाईकोर्ट में आगरा के ताजमहल के भीतर बंद पड़े 22 कमरों के दरवाजे खोले जाने की मांग को लेकर दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट के जज ने कहा है कि इस मुद्दे पर डिबेट करने के लिए वह याचिकाकर्ता का अपने ड्राइंग रूम में स्वागत करते हैं लेकिन कोर्ट रूम में बिल्कुल नहीं। याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए उन्होंने कहा है कि कृपया पीआईएल सिस्टम का मजाक मत बनाइए।
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि ताजमहल का सच देश के लोगों के सामने आना ही चाहिए। अगर ताजमहल के भीतर कोई रहस्यमई कमरे हैं तो उनकी जानकारी जनता के सामने आनी चाहिए। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि आरटीआई के माध्यम से पता चला है कि ताजमहल के भीतर कई कमरों को सुरक्षा कारणों से बंद करके रखा गया है। याचिकाकर्ता ने कहा कि हम यह नहीं कह रहे हैं कि वह जमीन भगवान शिव से जुड़ी हुई है। लेकिन हम जानना चाहते हैं कि बंद पड़े कमरों के भीतर क्या है?
याचिकाकर्ता ने कहा कि हमें उन कमरों में जाने की इजाजत देनी चाहिए। इस पर हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि कल आप अदालत में आकर कहेंगे कि आपको जजों के चेंबर के भीतर क्या है? यह जानने के लिए अंदर जाना है? हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए कहा कि आप कह रहे हैं कि ताजमहल शाहजहां ने नहीं बनाया। हम यह फैसला देने के लिए यहां पर नहीं बैठे हैं कि किसने क्या बनाया अथवा ताजमहल की उम्र क्या है?
हाईकोर्ट ने कहा कि हमें ऐतिहासिक तथ्यों को बताने की आवश्यकता नहीं है, जो आप मानते हैं उसके लिए पहले जाकर पीएचडी करो, रिसर्च करो एमए पीएचडी करो। अगर इस टॉपिक को चुनने में कोई संस्था आपको मना करती है तो आप हमारे पास आइए। हाईकोर्ट ने कहा कि अथॉरिटी कह रही है कि कमरों को सुरक्षा कारणों से बंद रखा गया है। अगर आप इससे संतुष्ट नहीं है तो इसे चुनौती दे सकते हैं।