मरीज की जान बचाकर रेलमंत्री के साथ सीएम और जीएम ने बटोरी प्रशंसा

रेलगाड़ी में सफर करते समय तबीयत खराब होने के बाद रेलवे, उत्तर प्रदेश पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की और से तत्काल दी गई सहायता के बाद जान बचने पर महिला यात्री ने रेल मंत्री, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और जीएम को ट्वीट करते हुए धन्यवाद अदा किया है।

Update: 2021-11-27 07:58 GMT

नई दिल्ली। रेलगाड़ी में सफर करते समय तबीयत खराब होने के बाद रेलवे, उत्तर प्रदेश पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की और से तत्काल दी गई सहायता के बाद जान बचने पर महिला यात्री ने रेल मंत्री, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और जीएम को ट्वीट करते हुए धन्यवाद अदा किया है। उन्होंने कहा है कि सभी विभागों द्वारा दी गई सेवाओं की जितनी भी प्रशंसा की जाए कम है।

दरअसल इसी महीने की 18 नवंबर को 71 वर्षीय महिला यात्री प्रेमलता दरभंगा से चलकर दिल्ली जा रही रेलगाड़ी में यात्रा कर रही थी। इसी दौरान वाणिज्य कार्यालय में तैनात एसएस कमर्शियल एस एन द्विवेदी को सूचना मिली कि रेलगाड़ी में यात्रा कर रही प्रेमलता की तबीयत अचानक खराब हो गई है। डिप्टी एसएस कमर्शियल में तकनीशियन सवारी एवं माल डिब्बा यानि यात्रीमित्र प्रशांत कुमार मिश्रा को अलर्ट कर दिया। जैसे ही रेल गाड़ी गोरखपुर पहुंची वैसे ही यात्रीमित्र ने बीमार महिला यात्री को उतार लिया और 108 नंबर के माध्यम से एंबुलेंस हायर कर ली। प्लेटफार्म पर ही प्राथमिक उपचार देने के बाद मरीज को जिला अस्पताल रवाना किया गया। जिला अस्पताल से मेडिकल ले जाते समय एंबुलेंस जाम में फंस गई। रेलवे के याद यात्री मित्र ने एसएसपी के सहयोग से एंबुलेंस को मेडिकल कॉलेज पहुंचाया और वहां के प्राचार्य से वार्ता की। लेकिन कालेज में महिला यात्री को समुचित इलाज नहीं मिला। परिवार जनों के आग्रह पर यात्री मित्र में एयर इंडिया के डायरेक्टर से बात करते हुए एयर एंबुलेंस की व्यवस्था सुनिश्चित कर दी। दिल्ली में समय से इलाज होने पर यात्री पूरी तरह से ठीक हो गई है। अब महिला यात्री ने रेलवे के महाप्रबंधक विनय कुमार त्रिपाठी के साथ-साथ रेल मंत्री व अश्वनी वैष्णव और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ट्वीट करते हुए धन्यवाद किया है और कहा है कि मुख्यमंत्री के शहर गोरखपुर स्टेशन की व्यवस्था उच्च श्रेणी की है। वहां पर तैनात रेल कर्मियों ने सिर्फ स्टेशन पर ही सहयोग नहीं किया, बल्कि जिला अस्पताल, बीआरडी मेडिकल कालेज में भी वह उनके साथ रहे। जरूरत पड़ी तो एयर एंबुलेंस हॉयर कर दिल्ली भेजा गया। यह सेवा कार्य अन्य के लिए एक उदाहरण है। इसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए कम है।



 


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