कांग्रेस को UP वेस्ट में बड़ा झटका - पूर्व MP ने छोड़ी पार्टी

कांग्रेस के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बड़े नेता मुज़फ्फरनगर निवासी पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक ने कांग्रेस पार्टी को अलविदा कह दिया है।

Update: 2021-10-19 13:25 GMT

मुज़फ्फरनगर। कांग्रेस के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बड़े नेता मुज़फ्फरनगर निवासी पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक ने कांग्रेस पार्टी को अलविदा कह दिया है। हालांकि उनके बेटे और पूर्व विधायक पंकज मलिक ने कांग्रेस नही छोड़ी है।

अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक ने कहा कि कांग्रेस हाईकमान को पत्र लिखते हुए कहा कि अपरिहार्य एंव पारिवारिक कारणों से कॉंग्रेस के सभी पदों से त्यागपत्र दे रहा हूँ। वर्तमान में प्रदेश का सियासी माहौल बदल रहा है इसलिए उन्होंने कांग्रेस पार्टी छोड़ने का निर्णय लिया है।

हरेंद्र मलिक ने कहा कि अब वह अपने समर्थकों से साथ मीटिंग में विचार विमर्श करके बतायेंगे की वह आगे किस पार्टी में शामिल होंगे।

बताया जा रहा है कि वो सपा या रालोद का दामन थाम सकते है। सूत्रों का कहना है कि कई दिन पहले भी उनकी समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से भी उनकी मुलाकात हुई थी।

मंगलवार को कांग्रेस को अलविदा कहने वाले पूर्व राज्यसभा सदस्य हरेंद्र मलिक ने अपने राजनीतिक जीवन के सफर की शुरुआत रालोद मुखिया चौधरी अजित सिंह के साथ की थी। उस समय वह जनता दल में थे। हरेंद्र मलिक वर्ष1989 में सबसे पहले जनता दल के टिकट पर खतौली विधान सभा क्षेत्र से एमएलए चुने गए थे। इसके बाद उन्होंने लोकदल के टिकट पर मुजफ्फरनगर की बघरा सीट से चुनाव लडा और वह इसमें विजयी रहे।

वर्ष 1996 में जब चौधरी अजीत सिंह ने भारतीय किसान कामगार पार्टी बनाई तो उसके टिकट पर एक बार फिर से हरेंद्र मलिक ने बघरा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा। लेकिन इस चुनाव में उन्हें हार नसीब हुई। इसके बाद हरेंद्र मलिक चौधरी अजीत सिंह का साथ छोड़कर समाजवादी पार्टी में चले गए। यहां से उन्होंने इंडियन नेशनल लोकदल की तरफ कूच किया और पार्टी की ओर से वह राज्यसभा सांसद बनाए गए। इसके बाद हरेंद्र मलिक ने कांग्रेस का दामन थाम लिया।

कांग्रेस के टिकट पर उन्होंने अपने पुत्र पंकज मलिक को बघरा विधानसभा चुनाव क्षेत्र से इलेक्शन लड़ाया और वह इसमें विजयी रहे। इसके बाद वर्ष 2012 में हुए चुनाव के दौरान उनके पुत्र पंकज मलिक एक बार फिर से शामली विधानसभा सीट से विधायक बने। पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक की पहचान पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मंझे हुए राजनीतिज्ञ के तौर पर होती है।

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