गोवंश को इच्छुक पशुपालकों की सुपुर्दगी में देकर किया गया लाभान्वित

दिशा-निर्देशन में राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के निराश्रित/बेसहारा गोवंश का निरन्तर संरक्षण व सवंर्धन किया जा रहा है

Update: 2021-12-08 14:52 GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देशन में राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के निराश्रित/बेसहारा गोवंश का निरन्तर संरक्षण व सवंर्धन किया जा रहा है। पशुधन विभाग के प्रमुख सचिव सुधीर गर्ग ने आज यहां बताया कि अब तक प्रदेश के 18 मण्डलों में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों को मिलाकर कुल 5421 अस्थायी/स्थाई गोआश्रय स्थल, कान्हा उपवन, कांजी हाउस व वृहद् गोसंरक्षण केन्द्रों में कुल 661586 गोवंश के पशुओं को संरक्षित किया गया है। प्रदेश में गोशालाओं का पंजीकरण आन-लाईन किया जा रहा है। अभी तक 569 गोशालायें पंजीकृत हुयी हैं।

प्रमुख सचिव सुधीर गर्ग ने बताया कि गोवंश की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता है और प्रदेश के निराश्रित/बेसहारा गोवंश के निरन्तर संरक्षण, सवंर्धन के साथ-साथ ही मुख्यमंत्री सहभागिता योजनान्तर्गत 104257 गोवंश को गो-पालन हेतु इच्छुक पशुपालकों की सुपुर्दगी में दिया गया है, जिससे 57067 पशुपालक लाभान्वित हुए हैं।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश की ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों, जिला पंचायतों, नगर पंचायतों, नगर पालिकाओं एवं नगर निगमों में अस्थायी गोवंश आश्रय स्थल की स्थापना व संचालन नीति लागू की गई है। इस नीति के अनुपालन में समस्त जिलों में निराश्रित व बेसहारा गोवंश को गो-आश्रय स्थलों में संरक्षित कर उनकी सुरक्षा हेतु शेड का निर्माण कराया गया है। साथ ही सुरक्षा, चारे की व्यवस्था, प्रकाश, पशु चिकित्सा व हरा चारा उत्पादन जैसे आदि कार्य कराये जा रहे हैं।



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