महंत यति नरसिंहानंद की हत्या का प्रयास-दो गिरफ्तार

महानगर के डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती की हत्या करने के लिए आए

Update: 2021-06-03 06:45 GMT

गाजियाबाद। महानगर के डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती की हत्या करने के लिए आए दो संदिग्ध व्यक्तियों को हिरासत में ले लिया गया है। संदिग्ध गतिविधियां मिलने के बाद सेवादारों द्वारा ली गई तलाशी के दौरान दोनों संदिग्ध दबोचे गए है। जिन्हें पुलिस के हवाले कर दिया गया है। दोनों संदिग्ध स्वयं को हिंदू बताते हुए मंदिर परिसर में प्रवेश करने में सफल हुए थे। हिरासत में लिए गए दोनों संदिग्धों से पुलिस गंभीरता के साथ पूछताछ करने में लगी हुई है।

महानगर के डासना स्थित देवी मंदिर में बुधवार की देर रात दो व्यक्ति पहुंचे। संदिग्ध गतिविधियां लगने पर जब मंदिर के सेवादारों द्वारा दोनों से पूछताछ की गई तो दोनों ने स्वयं को हिंदू बताया। बाद में जब दोनों संदिग्धों की तलाशी ली गई तो उनके पास से तीन सर्जिकल ब्लेड और आपत्तिजनक दवाएं बरामद हुई। डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने बताया है कि मंदिर परिसर में सुरक्षा के मद्देनजर एक पुलिस की एक गारद तैनात है। बाहर ही गेट पर सुरक्षा के मददेनजर मंदिर में आने वाले व्यक्ति का नाम और पता आदि ब्यौरा दर्ज किया जाता है। देर रात लगभग 9.00 बजे दो युवक मंदिर परिसर में घुस आए। एक व्यक्ति ने बाहर सुरक्षा कर रहे पुलिस कर्मियों के पास रजिस्टर में अपना नाम डॉ विपुल विजयवर्गीय नागपुर और दूसरे ने काशी गुप्ता दर्ज कराया। जिस समय दोनों संदिग्ध व्यक्ति आये। उस वक्त महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती मंदिर में नहीं थे। वह 1 न्यूज चैनल पर हो रही डिबेट में भाग ले रहे थे। भीतर पहुंचे दोनों संदिग्धों पर सेवादारों को शक हुआ। जिसके चलते उन्होंने दोनों के बैग की तलाशी ली। बैग में तीन सर्जिकल ब्लेड व आपत्तिजनक दवाईयां मिली। इसके बाद सेवादारों ने पुलिस को फोन किया और दोनों संदिग्धों को पुलिस के हवाले कर दिया है। इस मामले में महंत के करीबी अनिल यादव ने पुलिस को तहरीर देते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की है। एसपी देहात ने बताया है कि मंदिर परिसर में काशी गुप्ता के नाम से एंट्री कर घुसने वाले संदिग्ध व्यक्ति का असली नाम काशिफ है। पुलिस हिरासत में लिए गए दोनों संदिग्धों से गंभीरता के साथ पूछताछ करने में जुटी हुई है।

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