अशोक मलिक ने साधा निशाना - सरकार से की जायेगी आर-पार की लड़ाई

अशोक मलिक ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मौजूदा प्रदेश सरकार निजी स्कूल संचालकों व छात्र-छात्राओं का शोषण करने पर उतारू है

Update: 2020-10-29 14:20 GMT

सहारनपुर। उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त विद्यालय शिक्षक संध के प्रदेश अध्यक्ष डा. अशोक मलिक ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मौजूदा प्रदेश सरकार निजी स्कूल संचालकों व छात्र-छात्राओं का शोषण करने पर उतारू है। सरकार द्वारा बोर्ड के नाम पर 700 रूपये उगाही की गयी है जबकि स्टेशनरी खर्च में सिर्फ 7 रूपये का भी खर्च नही आता है। ऐसी सरकार को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नही किया जायेगा।

डा. अशोक मलिक ने आज गागलहेडी के मोहिद्दीनपुर स्थित एम.एच जूनियर हाईस्कूल में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उसी दौरान उन्होंने कहा कि आगामी 2 नवम्बर को निजी स्कूल संचालकों की एक शिक्षक महापंचायत हकीकत नगर स्थित धरना स्थल पर आयोजित की जायेगी। जिसमें सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ी जायेगी। उन्होंने कहा कि 2 नवम्बर से कक्षा 1 से 8 तक स्कूलों को स्वयं ही खोला जायेगा क्योंकि सरकार द्वारा किसी भी तरह से निजी संचालकों व स्टाॅफ को कोई राहत पैकेज नही दिया जा रहा है। पिछले आठ माह से निजी स्कूल संचालक व स्टाॅफ संघर्षरत है और भूखमरी की कगार पर है। उन्होंने कहा कि आर्थिक तंगी के कारण शिक्षकों की स्थिति दयनीय होने के बावजूद सरकार इस ओर कोई ध्यान नही दे रही है। मुस्तजार मलिक, तौकिर अहमद ने कहा कि सरकार हिटलरशाही पर उतारू हो गयी है। सरकार ने जो फरमान निजी स्कूलों के खिलाफ जारी किया है उसे निजी स्कूल संचालक बर्दाश्त नहीं करेंगें सरकार का कहना है कि स्कूलों में यदि कोई बच्चा कोविड-19 से संक्रमित पाया जाता है तो जिला प्रशासन संचालकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करायेगा। उन्होंने कहा कि यह शिक्षकों के साथ अन्याय है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नही किया जायेगा।

शशीकांत शर्मा, डा. नसीम अहमद ने कहा कि सरकार बिजली बिल, स्कूल, टैक्स, वाहन, ऋण की किश्तों आदि को माफ करें क्योंकि लाॅकडाउन अवधि में निजी स्कूलों की आर्थिक स्थिति अति दयनीय हो गयी है। नसीम अहमद की अध्यक्षता में विपिन यादव ने संचालन किया। बैठक में सुलेमान अहमद, विपिन यादव ने कहा कि यदि सरकार को आर्थिक राहत, मानदेय देने के लिये उनके पास धन नही हो सरकार का खजाना खाली है। सरकार का दिवालिया निकल गया हो तो सरकार को इस्तीफा दे देना चाहिए वरना भत्ता, वेतन को छोड़कर समाजसेवा करें वरना घर चले जाये बिना वेतन के हम सरकार चला देंगे।

बैठक में डां नसीम, विपिन यादव, आस मौहम्मद, असकार गोडे, शशीकांत शर्मा, मुन्तजार, मोनिस, उस्मान, जुल्फकार, मोनिस, शादाब, हंसकुमार, विनोद कुमार, पदमसिंह, माहिपुरा आदि रहे।

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