अंधेर नगरी- अस्पताल में मरीजों के लिए बाथरूम की भी नहीं सुविधा
सीएचसी की व्यवस्था इस कदर बीमार हो गई है कि सीएचसी अब मरीजों एवं उनके तीमारदारों के लिए कदम कदम पर परेशानी का सबब बन रही है
हापुड। लोगों के स्वास्थ्य को दुरुस्त रखने के लिए स्थापित की गई सीएचसी की व्यवस्था इस कदर बीमार हो गई है कि सीएचसी अब मरीजों एवं उनके तीमारदारों के लिए कदम कदम पर परेशानी का सबब बन रही है। अस्पताल के भीतर टॉयलेट पर ताला लटका होने की वजह से तीमारदारों को अपने मरीज को स्ट्रेचर पर लिटाकर उन्हे बाहर ले जाना पड़ रहा है। इसके अलावा जांच के लिए भी तीमारदार अपने मरीज की स्ट्रेचर खुद ही खींचकर ले जाते हैं।
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ पार्ट-2 सरकार जहां स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर पूरी तरह से सजग दिखाई दे रही है और डिप्टी सीएम एवं स्वास्थ्य मंत्री खुद अस्पतालों का औचक्क निरीक्षण कर पटरी से उतरी व्यवस्था को दोबारा से ट्रैक पर लाने का प्रयास कर रहे है। वहीं हापुड़ स्थित सीएचसी वहां पर आने वाले मरीज एवं उसके तीमारदारों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। आमजनमानस के स्वास्थ्य का जिम्मा थामने वाली सीएचसी के हालात कुछ ऐसे हो चले हैं कि अस्पताल में आए मरीजों को उनके तीमारदार खुद ही स्ट्रेचर पर लिटाकर विभिन्न जांच के लिए अस्पताल में इधर से उधर ले जाते हैं।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अस्पताल में प्रसाधन सुविधाओं के लिए बनाए गए टॉयलेट पर भी अस्पताल प्रबंधन की ओर से ताला जड़ दिया गया है। जिसके चलते तीमारदारों को अपने मरीज को टॉयलेट के लिए अस्पताल से बाहर स्ट्रेचर पर डालकर खुद ही ले जाना पड़ता है। सीएचसी हापुड़ में इलाज कराने आये एक बुजुर्ग के साथ आए तिमारदार नरेंद्र कुमार जो अपने मरीज को स्ट्रेचर पर लिटाकर बाथरूम के लिए बाहर ले जा रहा था, जब उससे पूछा गया कि अस्पताल के किसी वार्डबॉय या अन्य कर्मचारी ने आपकी मदद नहीं की है तो उसने तपाक से कहा कि अस्पताल में डॉक्टर या कर्मचारी कोई भी सुनने के लिए तैयार नहीं है।