अदानी समूह करेगा गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण-तीन चरणों का मिला काम

उत्तर प्रदेश सरकार के महत्वाकांक्षी गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण का जिम्मा अदानी समूह के साथ आईआरबी को दे दिया गया है

Update: 2021-12-02 13:15 GMT

मेरठ। उत्तर प्रदेश सरकार के महत्वाकांक्षी गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण का जिम्मा अदानी समूह के साथ आईआरबी को दे दिया गया है। जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ गंगा एक्सप्रेस वे का शिलान्यास कर सकते हैं।

मेरठ से प्रयागराज तक प्रस्तावित 594 किलोमीटर लंबे छह लेन वाले गंगा एक्सप्रेस वे के निर्माण का जिम्मा सरकार की ओर से अडानी समूह और आईआरबी को दे दिया गया है। तकरीबन 36000 करोड रुपए के इस प्रोजेक्ट के लिए कंपनियों के चयन का काम पूरा कर लिया गया है। गंगा एक्सप्रेस वे के निर्माण के लिए कुल 3 कंपनियों की ओर से बोलियां लगाई गई थी मेरठ से अमरोहा तक पहले चरण के निर्माण का काम आईआरबी के हवाले किया गया है। इसके बाद अमरोहा से लेकर प्रयागराज तक 3 चरणों का काम अदानी समूह द्वारा किया जाएगा। फिलहाल मेरठ को प्रयागराज से जोड़ने के लिए गंगा एक्सप्रेस वे के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण का काम चल रहा है। गंगा एक्सप्रेस वे के किनारे औद्योगिक कॉरिडोर भी बसाया जाएगा। मेरठ में 152 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए किया जाना है। किसानों से सहमति के आधार पर गंगा एक्सप्रेस वे के निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहित की जा रही है। मेरठ में सिर्फ 23 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण और होना बाकी है। इसके लिए शासन की ओर से गठित की गई समिति गांव में जाकर किसानों को गंगा एक्सप्रेस वे की खूबियों के बारे में बतायेगी। उत्तर प्रदेश सरकार का दावा है कि गंगा एक्सप्रेस वे देश का अभी तक का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे होगा। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे विकास प्राधिकरण की ओर से पूरे प्रोजेक्ट को 12 पैकेज और चार ग्रुपों के बीच बांटा गया है। एक ग्रुप में तीन तीन पैकेज शामिल किए गए हैं ताकि निर्धारित समय सीमा के भीतर एक्सप्रेस-वे के निर्माण के काम को पूरा किया जा सके।



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