असर दिखा रहा योगी का धर्मान्तरण कानून
योगी आदित्यनाथ की सरकार ने धर्मान्तरण कानून बनाया है, जिसे राज्यपाल की स्वीकृति मिल गयी। इस कानून के तहत कार्रवाई भी तेजी से हो रही है।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने धर्मान्तरण कानून बनाया है, जिसे राज्यपाल की स्वीकृति मिल गयी। इस कानून के तहत कार्रवाई भी तेजी से हो रही है। इसी संदर्भ में पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने व्यवस्था दी थी कि केवल विवाह के लिए धर्म बदलना अपराध होगा। इसी को देश की सबसे बड़ी अदालत ने भी अपनी सहमति प्रदान कर दी है। इस मामले में व्यक्ति की स्वतंत्रता का भी ध्यान रखा गया है। अदालत ने भी कहा था कि अगर बालिग युवा अपनी मर्जी से साथ-साथ रहना चाहते हैं, तो उन्हें इसकी अनुमति मिलनी चाहिए नये धर्मान्तरण कानून की भी मंशा यही है कि धर्म परिवर्तन के लिए भी जबर्दस्ती नहीं की जानी चाहिए। यहां पर हम तीन ऐसे मामलों का जिक्र कर रहे हैं जिसमें धर्मान्तरण के लिए दबाव डालने पर पुलिस ने हस्तक्षेप किया तो दूसरी तरफ युवाओं की रजामंदी पर उन्हें साथ रहने की छूट दी गयी। गैर कानूनी धर्म परिवर्तन अध्यादेश के तहत सबसे पहले यूपी में बरेली में मामला दर्ज कराया गया था।
उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में लव जिहाद मामले में नए कानून के तहत पहली गिरफ्तारी हुई है। शाहाबाद थाना पुलिस ने एक युवक को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। बताया जा रहा है कि दूसरे समुदाय के युवक ने लड़की को शादी का झांसा देकर उसके साथ शारीरिक शोषण किया। फिर उसकी अश्लील फोटो वायरल करने की धमकी दी। इसके साथ ही उसके ऊपर शादी से पहले धर्म परिवर्तन का दबाव डाला। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ अलग-अलग धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया है। पुलिस ने पहले आरोपी के खिलाफ बलात्कार और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला 10 दिसंबर को दर्ज किया था। फिर लड़की के बयान के आधार पर पुलिस ने उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम 3/5 की धारा भी जोड़ी और आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
बता दें, आरोप है कि कोतवाली क्षेत्र के गांव नरहाई निवासी आजाद ने दो साल पहले गांव की ही एक लड़की को अपने प्रेमजाल में फंसाया, फिर शादी का झांसा देकर उसका शारीरिक शोषण किया। इसके साथ ही उसकी अश्लील फोटो वायरल करने की धमकी दी। जब लड़की शादी के लिए राजी हो गई तो उसने उस पर धर्म परिवर्तन का दबाव डाला। इससे नाराज किशोरी ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इस मामले में अपर पुलिस अधीक्षक हरदोई का कहना है कि आजाद नाम के युवक पर उसकी प्रेमिका ने आरोप लगाया था कि उसने प्रेम जाल में फंसाकर उसके साथ रेप किया। फिर शादी से पहले धर्म बदलने के लिए दबाव डाला।
दूसरा मामला मुरादाबाद का है। यूपी के मुरादाबाद में कथित लव जिहाद और धर्म परिवर्तन मामले में उस वक्त नया मोड़ आ गया, जब पुलिस ने जांच के दौरान पाया कि लड़की बालिग है और उसका निकाह जुलाई माह में हुआ था। जिले के पुलिस कप्तान के मुताबिक उस लड़की को जिला महिला अस्पताल से उसकी ससुराल भेज दिया गया है। आगे मामले की जांच चल रही है। पीड़ित लड़की का आरोप है कि उसके साथ जिला महिला अस्पताल और नारी निकेतन में बहुत बुरा व्यवहार किया गया है। दरअसल, नारी निकेतन में बंद लड़की की तबीयत खराब हुई। इसके बाद उसे मुरादाबाद के जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस दौरान महिला जिला अस्पताल की डॉक्टर ने उसकी जांच करने के बाद बताया था कि वह गर्भवती है। उसके गर्भ में बच्चा है। लेकिन उसकी जांच के लिए स्पेशल टेस्ट टीवीएस की जरूरत है। इसी दौरान उक्त लड़की अपनी सुसराल कांठ पहुंच गई। जहां उसने बताया कि महिला अस्पताल के अंदर उसे इंजेक्शन दिया गया था। जिसके बाद उसका गर्भपात हो गया। नारी निकेतन में भी उस पर बहुत अत्याचार किया गया। एएनआई के अनुसार इन आरोपों पर जिला महिला अस्पताल की डॉक्टर का कहना है कि लड़की पेट दर्द और ब्लीडिंग की शिकायत पर नारी निकेतन से मुरादाबाद के महिला अस्पताल आई थी। उसे इंजेक्शन और कुछ दवाइयां दी गई थीं। उसके बाद सोनोग्राफी कराई गई तो सोनोग्राफी में महिला के गर्भ में बच्चा मौजूद था, मगर उसकी धड़कन नहीं सुनाई दे रही थी। इसलिए उसका टीवीएस टेस्ट सजेस्ट किया गया था। उसमें महिला को हायर सेंटर रेफर करना था। इसके बाद महिला के परिजनों ने खुद महिला का टीवीएस टेस्ट कराने की बात कही और महिला को अपने साथ लेकर चले गए। वहीं जिला महिला अस्पताल की डॉक्टर ने पीड़िता के आरोपों को भी नकार दिया है। उनका कहना था कि महिला अस्पताल के स्टाफ ने उसके संग अच्छा व्यवहार किया।
उत्तर प्रदेश में गैर कानूनी धर्म परिवर्तन अध्यादेश को राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद बरेली में इसके तहत पहला मामला दर्ज किया गया था। बरेली में लव जिहाद के आरोप में नए कानून के तहत पहली एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस के मुताबिक लव जिहाद के आरोप में बरेली के थाना देवरनिया में उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम 3/5 की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया। आरोपी पर जबरन धर्मांतरण करने का दबाव बनाने का आरोप लगाया गया है। आरोपी घर से फरार हो गया। उबैस नाम के युवक पर लड़की को बहला फुसला कर धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगाया गया।
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पारित अध्यादेश को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंजूरी दी थी, जिसके साथ यह कानून यूपी में लागू हो गया। उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने 24 नवंबर को लव जिहाद के खिलाफ अध्यादेश को मंजूरी दी थी। हालांकि इसमें कहीं भी लव जिहाद शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया है लेकिन यह कहा गया है कि गैर कानूनी तरीके से धर्म परिवर्तन कराने पर एक्शन लिया जाएगा। फिलहाल, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के इस अध्यादेश को मंजूरी देने के बाद यह कानूनी रूप ले चुका है। इसे 6 महीने के अंदर राज्य सरकार को विधानसभा से पास कराना पड़ेगा। उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020 राज्यपाल की मंजूरी के बाद कानून बन चुका है। इसके तहत मिथ्या, झूठ, जबरन, प्रभाव दिखाकर, धमकाकर, लालच देकर, विवाह के नाम पर या धोखे से किया या कराया गया धर्म परिवर्तन अपराध की श्रेणी में आएगा। हालांकि धर्म परिवर्तन कराने या करने के मामलों में अगर एक धर्म से दूसरे धर्म में परिवर्तन नहीं किया गया तो इसका सबूत देने की जिम्मेदारी आरोपी शख्स की होगी। यदि कोई केवल शादी के लिए लड़की का धर्म परिवर्तन करता है या कराता है तो ऐसे में उस शादी शून्य माना जाएगा। इसका मतलब हुआ कि ये कि ऐसी शादी कानून की नजर में अवैध होगी। कानूनी प्रावधानों के मुताबिक इसके उपबंधों का उल्लंघन करने पर कम से कम एक साल और अधिकतम 5 साल की सजा का प्रावधान है। साथ ही कम से कम 15 हजार रुपये का जुर्माना भी है। इस कानून से युवाओं द्वारा किसी भी लड़की को बरगलाने की घटनाओं में निश्चित रूप से कमी आएगी जो अशांति का एक कारण बन गया है। (हिफी)