उद्योग-धंधे में यूपी दस कदम आगे

योगी सरकार ने सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्योगों के लगाने पर ज्यादा जोर दिया प्रदेश में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ ही नयी उद्योग नीति बनायी

Update: 2020-09-06 14:56 GMT

लखनऊ। कोरोना वायरस ने उद्योग धंधे की कमर तोड़ दी है। देश की राजधानी से सटे नोएडा में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग गहरे संकट में हैं। नोएडा की एमएसएमई एसोसिएशन के मुताबिक, 50 से ज्यादा फैक्ट्रियों पर ताले लटके हुए हैं और करीब 7 हजार फैक्ट्रियां बंद होने के कगार पर हैं। काम न होने के चलते इन फैक्ट्रियों पर संकट के बादल छाए हुए हैं। साथ ही यहां काम करने वाले मजदूर भी गहरे संकट में हैं। ऐसे में एसोसिएशन ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है। इस आशंका के बीच उम्मीद की रोशनी भी दिखाई पड़ रही है।

वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में राज्यों की रैंकिंग जारी कर दी है। इसमें हालांकि उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के मामले में दस कदम आगे बढ़कर यह साबित कर दिया है कि बहुत जल्द यूपी में लघु एवं मध्यम उद्योगों का जाल बिछ जाएगा। देश की राजधानी से सटा नोएडा बड़ा इंडस्ट्रियल क्षेत्र है। यहां हजारों की तादाद में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण से पैदा हुए संकट ने यहां काम करने वाले लोगों की कमर तोड़ दी है।फैक्ट्रियों में ताले लटके हुए हैं। नोएडा के सेक्टर 10 में नरेंद्र डोगरा की प्रिंटिंग की दो फैक्ट्रियां थीं। अब यहां दोनों पर ताले लटके हैं। लॉकडाउन के बाद से फैक्ट्रियां बंद हैं, क्योंकि इनके पास कोई काम नहीं है। नरेंद्र का एक करोड़ रुपए से ऊपर का टर्नओवर था। नोएडा सेक्टर 10 में ही अहसान अली की पैकेजिंग मशीन बनाने की फैक्ट्री लगी थी। यहां लॉकडाउन से पहले 10 मजदूर काम करते थे। अब सिर्फ दो मजदूर ही काम कर रहे हैं। अहसान अली ने बताया कि महीने में 3-4 मशीन बेच लिया करते थे। अब न लेबर है और न काम है।दो महीने में हमने एक या दो मशीनें ही बेची हैं। अहसान ने बताया कि 15 हजार किराया है, वह भी निकालना मुश्किल हो रहा है। दिल्ली से सटे नोएडा की यह हालत है तो यूपी के अन्य स्थलों में उद्योग धंधे के हालात का अंदाजा लगाया जा सकता है। यह स्थिति लाकडाउन के चलते आयी है। इसलिए योगी सरकार ने सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्योगों के लगाने पर ज्यादा जोर दिया । इसके लिए प्रदेश में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ ही नयी उद्योग नीति बनायी गयी।

वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में राज्यों की रैंकिंग जारी कर दी है। इसमें कारोबार करने में आसानी के मामले में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की रैंकिंग जारी की गई है। इसमें आंध्र प्रदेश पहले, यूपी दूसरे और तेलंगाना तीसरे नंबर पर है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के मामले में आंध्र प्रदेश अपनी स्थिति बरकरार रखते हुए पहले स्थान पर बरकरार है।उल्लेखनीय मामला उत्तर प्रदेश का है जिसने 10 पायदान की लंबी छलांग लगाकर दूसरे स्थान पर अपने कदम पहुंचा दिए हैं। तेलंगाना तीसरे पायदान पर हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहते हैं कि चुनौतियों और संभावनाओं के बीच संकल्पों और सिद्धांतों की नाव से यात्रा करते हुए उत्तर प्रदेश में हमारी सरकार ने तीन साल पूरे कर लिए हैं। उत्तर प्रदेश की धारणा को विकास, विश्वास और सुशासन में बदलने में हमें सफलता मिली इसके पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा है। प्रदेश में लोकतांत्रिक मूल्यों और आदर्शों पर आम जन का विश्वास समाप्त हो रहा था, उसे बहाल करते हुए उसे सुशासन की तरफ ले जाने में सफलता मिली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि तीन सालों में जो प्रदेश के सामने चुनौतियां थी उन्होंने ही हमें जूझने की प्रेरणा दी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के लिए नई औद्योगिक नीति के ड्रॉफ्ट को मंजूरी दी है। मोदी के मेक इन इंडिया की तर्ज पर प्रदेश में मेक इन यूपी शुरू हुआ। इसके तहत निजी निवेशकों को उद्योगों के अनुकूल वातावरण और उद्यमियों को पूरी सुरक्षा की सौगात दी जा रही है। कई बैठकों में लंबी चर्चा के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इंडस्ट्रियल इम्पलायमेंट प्रमोशन पॉलिसी ऑफ उत्तर प्रदेश 2017 के मसौदे को हरी झंडी दी थी।

इसके बाद तो प्रदेश में औद्योगिक निवेश बढ़ाने के प्रयास लगातार बढते ही गये। यूपी के पिछड़े क्षेत्र पूर्वांचल और बुंदेलखंड में उद्योग लगाने पर विशेष छूट की घोषणा की गयी। इसी के साथ ही ब्रांड यूपी को चमकाने के लिए सुरक्षित, भ्रष्टाचार मुक्त, उद्योग मित्र राज्य के तौर पर प्रदेश की छवि बनानातय किया गया।मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में स्टेट इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड बनाया गया। यह बोर्ड पूंजी निवेश के लिए इंटरनेशनल रोड शो, इनवेस्टर्स मीट के जरिए यूपी में उद्यमियों को लाएगा।उद्यमियों की सुरक्षा के लिए नोएडा, कानपुर, गोरखपुर, बुंदेलखंड और पूर्वांचल में प्रशिक्षित पुलिस बल तैनात होगा।व्यापारियों के लिए ट्रेड वेलफेयर बोर्ड बनेगा और समस्याओं के निपटारे के लिए हर जिले में प्राधिकरण बनेगा। मेक इन उत्तर प्रदेश विभाग सेक्टर के हिसाब से विकसित हो सकने वाले उद्योगों को चिन्हित करेगा और उद्योग लगाने में मदद करेगा। इस तरह उत्तर प्रदेश में उद्योग लगाने का बेहतर माहौल बना है।

यूपी दूसरे स्थान पर आ गया है। बता दें कि पिछली बार यह रैंकिंग 2018 में जारी की गई थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि ये रैंकिंग का चौथा एडिशन है, जो साल 2019 के लिए जारी की गई है। उन्होंने कहा कि इससे राज्यों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा। इस बार आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश का प्रदर्शन सबसे अच्छा पाया गया है। पीयूष गोयल ने स्वामी विवेकानंद के वक्तव्य का हवाला देते हुए कहा कि हम रुके नहीं, थमे नहीं और पूरे देश को तेज गति में बढ़ाने के लिए मिलकर काम करें। बिजनेस रिफॉर्म एक्शन प्लान की रैंकिंग में पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, असम और दिल्ली को भी स्थान दिया गया है।

बता दें कि केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने 4 सितम्बर को ट्वीट किया था कि भारत में कारोबारी माहौल को बेहतर बनाने की दिशा में बिजनस सुधार के कार्यों की योजना को लागू करने के आधार पर राज्यों की रैंकिंग जारी की जाएगी। केंद्र सरकार की ओर से जारी की जाने वाली इस रैंकिंग का उद्देश्य घरेलू और वैश्विक निवेशकों को आकर्षित करने के लिए कारोबारी माहौल में सुधार लाने के लिए राज्यों के बीच प्रतिस्पर्धा शुरू करना है। राज्यों की रैंकिंग को कंस्ट्रक्शन परमिट, श्रम कानून, पर्यावरण पंजीकरण, इंफॉर्मेशन तक पहुंच, जमीन की उपलब्धता और सिंगल विंडो सिस्टम के आधार पर मापते हैं। सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए ईज ऑफ डूइंग रैंकिंग को बिजनस रीफॉर्म एक्शन प्लान के तहत डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटर्नल ट्रेड की ओर से तैयार किया जाता है। जुलाई, 2018 में जारी किए गए रैंकिंग चार्ट में आंध्र प्रदेश टॉप पर था। वहीं, तेलंगाना दूसरे और हरियाणा तीसरे स्थान पर रहा था। कारोबार करने में आसानी के मामले में मध्य प्रदेश चैथे तो झारखंड पांचवें स्थान पर है। वहीं, छत्तीसगढ़ 6ठे, हिमाचल प्रदेश 7वें और राजस्थान 8वें स्थान पर है। इसके अलावा पश्चिम बंगाल इस बार शीर्ष 10 में शामिल होते हुए 9वें नंबर पर है। वहीं, गुजरात ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के मामले में 10वें पायदान पर है। पिछली बार तीसरे नंबर पर रहने वाला हरियाणा इस बार शीर्ष 10 से गायब हो गया है। क्षेत्र के हिसाब से उत्तर भारत में सबसे अच्छा प्रदर्शन उत्तर प्रदेश का तो पूर्वी भारत में झारखंड का रहा है। वहीं, पश्चिम में मध्य प्रदेश, दक्षिण में आंध्र प्रदेश और पूर्वोत्तर में असम का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा है।बहरहाल, योगीआदित्यनाथ की सरकार ने लाकडाउन के चलते बेरोजगारी की जो आशंकाएं पैदा हो गयी थीं, उनके खत्म होने की उम्मीद बंधाई है।

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)

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