बेटे की मौत के साथ ही टूट गई मां की सांसों की डोर- झर झर बहे आंसू

प्राइवेट नौकरी कर रहे बेटे की मौत की सूचना आने के बाद 5 घंटे के भीतर बूढी मां की भी सांसों की डोर टूट गई।

Update: 2023-10-09 11:28 GMT

मैनपुरी। प्राइवेट नौकरी कर रहे बेटे की मौत की सूचना आने के बाद 5 घंटे के भीतर बूढी मां की भी सांसों की डोर टूट गई। घर के भीतर से एक साथ जब मां बेटे की अर्थियां निकली तो अंतिम यात्रा में शामिल हुए लोगों की आंखों से आंसू बह निकले।

बिछुआ थाना क्षेत्र के गांव इन्नीखेड़ा का रहने वाला 36 साल का प्रदीप उर्फ पिंटू पुत्र हंस बहादुर राजधानी दिल्ली में रहकर ओला कंपनी में खुद की गाड़ी चलाने का काम कर रहा था। रविवार की रात को अचानक से पिंटू की तबीयत खराब हुई और इस दौरान पड़े अटैक के चलते उसकी मौत हो गई। पिंटू की मौत की सूचना जब गांव में पहुंची तो घर में उसकी बूढी मां, पत्नी और बच्चे बुरी तरह से चीख पड़े।

70 वर्षीय मां बेहद कमजोर एवं बुजुर्ग हो चली थी जिसके चलते वह मां बेटे की मौत का सदमा बर्दाश्त नहीं कर सकी और रात में उसने भी दम तोड़ दिया। सवेरे के समय दिल्ली से जब प्रदीप का शव गांव में पहुंचा तो घर से जब मां बेटे की आर्थियां निकली तो दोनों की अंतिम यात्रा में शामिल हुए गांव वालों की आंखों से आंसू बहन निकले। शमशान घाट में ले जाकर दोनों का भारी गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार कर दिया गया।


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