ताजमहल में नमाज पर बवाल-पुरातत्व विभाग बैकफुट पर, विवाद ने पकड़ा तूल
प्रेम की निशानी कहे जाने वाले ताजमहल के भीतर नमाज अदा किए जाने को लेकर बवाल मच गया है।
आगरा। प्रेम की निशानी कहे जाने वाले ताजमहल के भीतर नमाज अदा किए जाने को लेकर बवाल मच गया है। शाही मस्जिद के भीतर नमाज के विरोध के मामले पर पुरातत्व विभाग बैकफुट पर दिखाई दे रहा है। हिंदूवादी संगठनों ने अदालत में इस बाबत याचिका दाखिल करने का ऐलान किया है।
दरअसल प्रेम की निशानी कहे जाने वाले ताजमहल की शाही मस्जिद में प्रत्येक शुक्रवार को नमाज अदा की जाती है। अन्य मौको पर ताजमहल को देखने के लिये आने वाले पर्यटकोेेेें द्वारा भी ताजमहल के भीतर नमाज अदा किये जाने के मामले भी समय समय पर सामने आते रहते है। अब इसे लेकर बवाल मचना शुरू हो गया है। शाही मस्जिद के भीतर नमाज अदा किए जाने के मामले के तूल पकड़ने पर हिंदूवादी संगठनों की ओर से अब इस बाबत अदालत में याचिका दाखिल करने का ऐलान किया गया है। मंगलवार को कहा गया है कि इतिहासकार राज किशोर शर्मा की ओर से हासिल की गई आईटीआई के हवाले से ताजमहल में नमाज अदा किए जाने के मामले को लेकर अपील की जाएगी। वर्ष 2018 में पुरातत्व विभाग की ओर से ताजमहल की शाही मस्जिद के भीतर किसी तरह की नमाज की अनुमति नहीं होने का जवाब दिया गया है। मस्जिद कमेटी का आरोप है कि इस मामले को जानबूझकर तूल दिया जा रहा है। शाही मस्जिद में नमाज पर सुप्रीम कोर्ट की रोक नहीं होने के बाद भी विभाग की ओर से रोक लगाई गई है।