नए कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन में शामिल किसान की मौत

टीकरी बॉर्डर पर चलाए जा रहे किसान आंदोलन स्थल पर पंजाब के एक और किसान की मौत हो गई है

Update: 2021-11-17 13:28 GMT

नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के विरोध में राजधानी दिल्ली की सीमा पर टीकरी बॉर्डर पर चलाए जा रहे किसान आंदोलन स्थल पर पंजाब के एक और किसान की मौत हो गई है। सूचना पर पहुंची पुलिस ने मृतक किसान के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है। किसान की मौत का कारण हार्ट अटैक माना जा रहा है, लेकिन मौत के असली कारणों का पता पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के बाद ही चल पाएगा।

बुधवार को टीकरी बॉर्डर पर नए कृषि कानूनों के विरोध में चलाए जा रहे आंदोलन स्थल पर बनी झोपड़ी के भीतर एक और किसान की मौत हो गई है। अचेत अवस्था में मिले किसान को तुरंत ही इलाज के लिए अस्पताल में ले जाया गया। जहां चिकित्सकों ने किसान को मृत घोषित कर दिया। सूचना मिलने के बाद अस्पताल पहुंची पुलिस ने किसान के शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। शुरुआती जांच में किसान हरचरण सिंह की मौत का कारण हार्ट अटैक होना माना जा रहा है। पंजाब के जिला मानसा के गांव हक्कामवाला निवासी 64 वर्षीय किसान हरचरण सिंह आंदोलन की शुरुआत से ही टीकरी बॉर्डर पर अपना डेरा जमाए हुए थे। उन्होंने अपने रहने का ठिकाना मेट्रो पिलर 783 के नीचे बना रखा था। इसी साल 1 अक्टूबर को हरचरण सिंह का बहादुरगढ़ में एक्सीडेंट भी हो गया था। बुरी तरह से घायल हुए हरचरण सिंह को रोहतक के पीजीआई में भर्ती कराया गया था। तकरीबन 1 माह तक चले इलाज के बाद इसी महीने की 2 नवंबर को उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिली थी। अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद घर जाने की बजाय किसान हरचरण सिंह आंदोलन में शामिल होने के लिए बॉर्डर पर आ गए थे। आज उनकी मौत हो गई है।



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