कांग्रेस को जोश से भरेंगे श्रीनिवास

कांग्रेस को हाल ही सम्पन्न हुए यूपी उपचुनाव में भले ही किसी सीट पर जीत नहीं मिली लेकिन उसने भाजपा को करारी टक्कर दी है।

Update: 2020-12-04 02:20 GMT

नई दिल्ली। कांग्रेस को अब ऐसा लगने लगा कि युवाओं के जोश के बिना पार्टी को मुख्य मुकाबले में नहीं लाया जा सकता। कांग्रेस कई राज्यों में सत्ता तो दूर मुख्य मुकाबले से भी बाहर हो गयी है। मध्य प्रदेश जैसे राज्य में भाजपा ने उसके हाथ से सत्ता छीन ली है। वहां सत्ता छिनने का एक कारण युवा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की उपेक्षा भी बताया जा रहा है। इसीलिए सोनिया गांधी ने युवाओं को लामबंद करने और उनमें नया जोश पैदा करने के लिए यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर श्रीनिवास बीवी की नियुक्ति की है। इससे पूर्व श्रीनिवास को अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया था। कांग्रेस संगठन में राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर भी पूर्णकालिक रूप से किसी की नियुक्ति नहीं हुई है। कांग्रेस में इस बार डिजीटल तरीके से अध्यक्ष पद का चुनाव होगा। इससे पहले ही यूथ कांग्रेस के पूर्णकालिक अध्यक्ष पद पर तैनाती कर दी गयी है। उधर, प्रियंका गांधी वाड्रा उत्तर प्रदेश में युवाओं को पार्टी के साथ जोड़ रही हैं। कांग्रेस को हाल ही सम्पन्न हुए यूपी उपचुनाव में भले ही किसी सीट पर जीत नहीं मिली लेकिन उसने भाजपा को करारी टक्कर दी है। इसके बाद कांग्रेस के कुछ नेता साथ छोड़ गये। इसलिए युवाओं को पार्टी से जोड़ा जा रहा है।

कांग्रेस में जल्द ही होने वाले अध्यक्ष पद के चुनाव से पहले संगठन में बदलाव होने लगे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 2 दिसम्बर को यूथ कांग्रेस अध्यक्ष के पद पर श्रीनिवास बी.वी. की नियुक्ति की। इससे पहले श्रीनिवास बी.वी. को अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया था, लेकिन अब पूरी जिम्मेदारी सौंप दी गई है। इस नियुक्ति के बाद यूथ कांग्रेस की ओर से ट्वीट कर लिखा गया है कि वो लीडर जो सभी को प्रेरणा देते हैं। श्रीनिवास को यूथ कांग्रेस का अध्यक्ष बनने के लिए बधाई, सोनिया गांधी और राहुल गांधी का हमपर विश्वास जताने के लिए शुक्रिया। कोरोना संकट काल हो या फिर किसी भी राज्य में कोई आपदा का वक्त हो, इस दौरान यूथ कांग्रेस के श्रीनिवास हर जगह नजर आए हैं। लगातार वो सोशल मीडिया पर लोगों की मदद करते दिखते हैं, जिसके बाद उनकी लोकप्रियता में बड़ा उछाल हुआ है। सिर्फ सामाजिक कार्यों में ही नहीं बल्कि यूथ कांग्रेस ने समय-समय पर मोदी सरकार के खिलाफ बड़ी आवाज उठाई है। चंडीगढ़ में यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ता लगातार कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और किसानों के हक में आवाज उठा रहे हैं।

कर्नाटक से आने वाले श्रीनिवास ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत बतौर एनएसयूआई सदस्य ही की थी, जिसके बाद उन्हें जिला समिति का अध्यक्ष बनाया गया। साल 2018 में श्रीनिवास को यूथ कांग्रेस का उपाध्यक्ष बना दिया गया। 2019 चुनाव के बाद से वो बतौर अंतरिम अध्यक्ष यूथ कांग्रेस के साथ रहे और अब अध्यक्ष बना दिया गया। उधर, उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की कमान संभालने के बाद प्रियंका गांधी जमीनी स्तर पर पार्टी को मजबूत करने में जुटी हैं, लेकिन पार्टी छोड़कर जाने वाले नेताओं को रोक नहीं पा रही हैं। सूबे में गैर-बीजेपी नेताओं का राजनीतिक ठिकाना और पहली पसंद समाजवादी पार्टी बनती जा रही है। पिछले एक महीने में करीब एक दर्जन से ज्यादा बड़े नेता कांग्रेस का हाथ छोड़कर अखिलेश यादव की साइकिल पर सवार हो चुके हैं, जिसके चलते प्रियंका गांधी के मिशन यूपी को गहरा झटका लगा है। बता दें कि हाल ही में पूर्व केंद्रीय मंत्री व बदायू से पूर्व सांसद सलीम शेरवानी, उन्नाव की पूर्व सांसद अन्नू टंडन, मिर्जापुर के पूर्व सांसद बाल कुमार पटेल, सीतापुर की पूर्व सांसद कैसर जहां, अलीगढ़ के पूर्व सांसद विजेन्द्र सिंह, पूर्व मंत्री चौधरी लियाकत, पूर्व विधायक राम सिंह पटेल, पूर्व विधायक जासमीन अंसारी, अंकित परिहार और सोनभद्र के रमेश राही जैसे नेताओं ने कांग्रेस छोड़कर सपा का दामन थाम लिया है। इन सारे नेताओं को अखिलेश यादव ने खुद उन्हें पार्टी में शामिल कराया है।

कांग्रेस छोड़कर सपा में शामिल होने वाले नेताओं को लेकर यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि पार्टी का साथ वही नेता छोड़कर गए हैं, जो सिर्फ चुनाव लड़ने के मकसद से कांग्रेस में आए थे। कांग्रेस के पुराने और वफादार नेता पार्टी के साथ मजबूती से खड़े हुए हैं और मेहनत कर रहे हैं। कांग्रेस पिछले तीस साल में पहली बार जमीन पर संगठन को ग्राम स्तर पर खड़ा किया गया है और हर एक मुद्दे पर हमारी पार्टी ने मुखर होकर संघर्ष किया है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं पर 8 हजार केस दर्ज किए गए हैं। कांग्रेस को सूबे में सिर्फ चुनाव लड़ने वाले नेता की नहीं बल्कि जमीनी स्तर पर संघर्ष करने वाले नेताओं की जरूरत हैं। इन दिनों मोदी सरकार किसानों के मुद्दे पर घिरी हुई है। हरियाणा युवा कांग्रेस ने किसान कानून के विरोध में पानीपत से दिल्ली तक किसान आक्रोश रैली का आयोजन किया, जिसमें हजारों किसान रैली में शामिल हुए। इन तीनों कानूनों को किसान विरोधी बताते हुए प्रदर्शन कर रहे युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर खट्टर सरकार की पुलिस ने लाठीचार्ज और वाटर कैनन का प्रयोग किया। पुलिस ने भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बी वी सहित अनेक युवा कांग्रेसियों को हिरासत में भी लिया। किसान आक्रोश रैली का नेतृत्व भारतीय युवा कांग्रेस के प्रभारी कृष्णा अल्लवारू और राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने किया।

श्रीनिवास बीवी कहते हैं कि देश के युवा रोजगार मांगते हैं और किसान अपनी फसल का उचित मूल्य लेकिन मोदी सरकार उन्हें भाषण देती है। इसी हरियाणा के पीपली में जब किसान अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे थे तो खट्टर सरकार ने मोदी के इशारे पर किसानों को लाठी मारी। मोदी सरकार कान खोलकर सुन ले संसद भले ही फिलहाल तुम्हारी है लेकिन सड़क हमेशा हम किसानों और युवाओं की रहेंगी। अब आर-पार की जंग होगी। हम किसानों के युवाओं के लिए हर लंबी लड़ाई लडेंगे। मोदी सरकार के किसान विरोधी कानूनों के विरोध में हम दिल्ली ट्रैक्टर से जा रहे है। यह कानून किसान को उद्योगपतियों का गुलाम बनाने की साजिश है।' मोदी सरकार किसानों के मुद्दे पर घिरी हुई है। हरियाणा युवा कांग्रेस ने किसान कानून के विरोध में पानीपत से दिल्ली तक किसान आक्रोश रैली का आयोजन किया। जिसमे हजारों किसान रैली में शामिल हुए। इन तीनों कानूनों को किसान विरोधी बताते हुए प्रदर्शन कर रहे युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर खट्टर सरकार की पुलिस ने लाठी चार्ज और वाटर कैनन का प्रयोग किया।

उधर, राजस्थान कांग्रेस में और सरकार में नियुक्तियों का सिलसिला इस महीने शुरू हो जाएगा, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से चर्चा के बाद प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा ने कहा 17 दिसंबर को राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का दो साल का कार्यकाल पूरा हो रहा है। इस मौके पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को राजनीतिक इनाम देने की कवायद शुरू हो गई है। प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच चर्चा के बाद डोटासरा ने कहा कि दिसंबर में कांग्रेस में पदाधिकारियों की नियुक्ति कर दी जाएगी। प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा सचिन पायलट के प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाए जाने के बाद से अध्यक्ष तो बन गए थे मगर राजस्थान में कांग्रेस की पूरी इकाई भंग कर दी गई थी और पिछले 3 महीने से अकेले ही प्रदेश अध्यक्ष थे। ऐसे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से चर्चा के बाद यह तय हुआ कि अब ब्लॉक लेवल से लेकर राज्य स्तर तक नए तरीके से संगठन खड़ा किया जाएगा। इस प्रकार कांग्रेस संगठन को मजबूत करने का प्रयास किया जा रहा है। (हिफी)

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