बेटे थे बेरोजगार- महंत ने बेच दिया गुरूद्वारा भवन- श्रद्धालुओं में रोष

एक गुरुद्वारा के महंत ने बेरोजगार बेटों के लिए गुरुद्वारा भवन बेच देने का मामला सामने आया है।

Update: 2021-02-17 09:47 GMT

श्रीगंगानगर। राजस्थान के श्रीगंगानगर शहर में घनी आबादी वाले पी-ब्लॉक में एक गुरुद्वारा के महंत ने बेरोजगार बेटों के लिए गुरुद्वारा भवन बेच देने का मामला सामने आया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार यह मामला उजागर होने के बाद काफी संख्या में लोग गुरुद्वारा में एकत्रित हो गये। गुरुद्वारा में रहने वाले महंत को खरी-खोटी सुनाई। महंत ने कहा कि अपने दो बेरोजगार बेटों के लिए उसने यह भवन बेचने का सौदा कर दिया। मौके पर इकट्ठे हुए लोगों ने अब इस भवन को बेचने का सौदा रद्द कराने और महंत के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करने के लिए ग्यारह सदस्यीय एक समिति का गठन किया है।

शहर में पी ब्लॉक में एक कॉर्नर के 50 गुना 60 वर्ग फुट के भूखंड में इस गुरुद्वारा की स्थापना लगभग 60 वर्ष पहले एक महिला ने की थी। लोग इस गुरुद्वारा को माई का गुरुद्वारा के नाम से जानते हैं। इस बुजुर्ग महिला की लगभग 15 वर्ष पहले मृत्यु हो गई। इसके कुछ दिन बाद ही पंजाब का आजाद दास आकर रहने लगा। धीरे-धीरे उसने गुरुद्वारा की सारी व्यवस्थाओं को संभाल लिया। घनी आबादी में तथा एक महिला सेवादार होने के कारण इस गुरुद्वारे में आसपास के रिहायशी इलाके की महिलाएं ही ज्यादातर गुरुद्वारा में मत्था टेकने और सेवा करने के लिए आती हैं। वैश्विक महामारी कोरोना काल में इस गुरुद्वारा को षडयंत्रपूर्वक बेचे जाने की साजिश का अब खुलासा हुआ है।

लोगों का आरोप है कि भूतल में दीवारें खड़ी कर महंत ने एक शोरूम और दो दुकानें बनाकर इन्हें पगड़ी के रूप में मोटी राशि लेकर किराए पर चढ़ा दी। खुली बैठक में महंत आजाद दास ने कबूला है कि उसने यह भवन बेचने का सौदा किया है। लोगों का आरोप है कि यह सौदा बूढ़ी माई की फर्ज वसीयत के आधार पर किया गया है।


वार्ता

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