बोले गवर्नर- बंगाल में इमरजेंसी जैसे हालात- महिलाएं सुरक्षित नहीं

पश्चिम बंगाल के गर्वनर जगदीश धनखड़ ने आज एक निजी चैनल के साथ इंटरव्यू के दौरान कहा कि बंगाल में इमरजेंसी जैसे हालात हैं।

Update: 2021-02-20 15:33 GMT

कोलकाता। पश्चिम बंगाल के गर्वनर जगदीश धनखड़ ने आज एक निजी चैनल के साथ इंटरव्यू के दौरान कहा कि बंगाल में इमरजेंसी जैसे हालात हैं। महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। सरकारी तंत्र की मदद से खजाने पर डाका जा रहा है।

पश्चिम बंगाल के गवर्नर जगदीश धनखड़ ने कहा कि पश्चिम बंगाल में सरकारी कर्मचारी राजनीतिक कार्यकर्ताओं के रूप में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यहां रिटायर्ड पुलिस अधिकारियों की जमात है, ऐसा कहां होता है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी बंगाल में इमरजैसी जैसे हालात हैं। बहुत ही भयावह हालत पैदा हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि मेरा दीदी (मुख्यमंत्री ममता बनर्जी) से टकराव नहीं है, लेकिन दीदी का मुझसे टकराव है। उन्होंने कहा कि गिन-चुने उद्योगपति ही दीदी के पास दिखाई देते हैं। सरकारी तंत्र सिंडिकेट के सामने पूरी तरह से नतमस्तक हो चुका है। पुलिस पूरी तरह से राजनैतिक दबाव में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा आज के दिन पश्चिम बंगाल कहां है, आप देख लीजिये। उन्होंने बताया कि 30 जुलाई 2019 से आज तक राज्यपाल को किसी भी ऑफशियल कार्यक्रम का आमंत्रण नहीं मिला है।

उन्होंने कहा कि उन्हें कई बार यात्रा की, लेकिन आज तक उन्हें एसपी और कलेक्टर की शक्ल तक देखने को नहीं मिली। उन्होंने आरोप लगाया कि मानव अधिकारों का हनन किया जा रहा है। बच्चियों के साथ क्या क्या होता है। मैं बहुत सी बातों को बनाने में असमर्थ हूं। मानव अधिकारों की धज्ज्यिां उड़ाई जा रही है। वहीं सरकारी तंत्र की मदद से खजाने पर डकैती डाली जा रही है। जब उनसे पूछा गया कि आप पर आरोप लगाये जाते हैं कि आप बीजेपी के एजेंट के रूप में कार्य कर रहे हैं। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि आज राज्यपाल जो भी लिखता है या फिर जो भी ट्वीट करता है, वह रिकाॅर्ड होता है। मेहरबानी करके एक एसा मामला बता दीजिये, जिसमें आपको राज्यपाल का आचरण राजनीति से प्रभावित लगे। उन्होंने कहा कि राज्यपाल को आसानी से निशाना बनाया जा सकता है और निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मैं संविधान के खिलाफ नहीं जाता हूं, जो भी करता हूं संविधान के दायरे में करता हूं। उन्होंने कहा कि पश्चिमी बंगाल में बड़े-बड़े कांड होते हैं। तब मेरा मन बहुत रोता है, जब एक एडीटोरियल तक उन पर नहीं छपता है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी बंगाल में हालात बहुत भयावाह हो चुके हैं।

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