अमरिंदर के प्रधान सलाहकार

पंजाब में अगले वर्ष अर्थात् 2022 में विधानसभा के चुनाव होंगे लेकिन चुनाव की तैयारियां अभी से होने लगी हैं।

Update: 2021-03-04 06:17 GMT

चंडीगढ़। पंजाब में अगले वर्ष अर्थात् 2022 में विधानसभा के चुनाव होंगे लेकिन चुनाव की तैयारियां अभी से होने लगी हैं। पंजाब ही क्या उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड जैसे राज्य भी चुनावी मूड में आ गये। इस साल पांच राज्यों में चुनाव हो रहे हैं। इनकी तारीख भी घोषित हो गयी है। इनमें एक राज्य पश्चिम बंगाल भी हैं जिसकी सबसे ज्यादा चर्चा है। ममता बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस की सरकार लगातार दूसरा कार्यकाल पूरा कर रही है लेकिन इस बार भाजपा की तरफ से जबर्दस्त चुनौती मिली हुई है। ममता बनर्जी ने चुनाव प्रबंधन में काफी नाम कमा चुके प्रशांत किशोर को इस बार रणनीतिकार बनाया है। पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे दिनेश त्रिवेदी जैसे लोग ममता बनर्जी का साथ छोड़ चुके हैं।

पार्टी छोड़ने के पीछे दिनेश त्रिवेदी ने कुछ अन्य कारणों के साथ एक कारण प्रशांत किशोर का हस्तक्षेप भी बताया है। प्रशांत किशोर को ही पंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी अपना प्रधान सलाहकार बना रखा है। प्रशांत किशोर ने 2017 में भी पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के रणनीतिकार की भूमिका निभाई थी। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश में भी प्रशांत किशोर की सलाह पर खाट सम्मेलन जैसे कार्यक्रम हुए। चुनाव में पंजाब में कांग्रेस को अच्छी सफलता मिली लेकिन उत्तर प्रदेश में कांग्रेस कोई सफलता नहीं प्राप्त कर सकी थी। अब पंजाब में प्रशांत किशोर क्या वही करिश्मा दोहरा पाएंगे, यह सवाल उठना स्वाभाविक है।

हालांकि प्रशांत किशोर के चुनाव पांडित्य में कितना दम है, यह इसी वर्ष पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव के नतीजे बता देंगे। प्रशांत ने दावा किया है कि भाजपा 10 से ज्यादा सीटें नहीं पाएगी। कैप्टन अमरिंदर सिंह संभवतः यही सोचकर पीके पर भरोसा कर रहे हैं।

चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के प्रिंसिपल एडवाइजर नियुक्त किए गया हैं। यह नियुक्ति काफी महत्व रखती है क्योंकि अगले साल की शुरुआत में पंजाब में विधानसभा चुनाव होने हैं। प्रशांत किशोर की कंपनी, इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी पश्चिम बंगाल के आगामी चुनाव में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस के लिए भी काम कर रही है। प्रशांत किशोर ने 2017 के पंजाब विधान सभा चुनाव में कांग्रेस का चुनाव अभियान संभाला था, उस समय पार्टी 117 सदस्यीय सदन में 77 सीटें जीतकर सत्ता में पहुंची थी।

मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से कहा गया है, कैबिनेट ने प्रशांत किशोर की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है और किशोर को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा कि उन्हें वेतन के रूप में एक रुपया भुगतान किया जाएगा। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने ट्वीट किया, 'यह बताते हुए खुशी हो रही है कि प्रशांत किशोर प्रधान सलाहाकार के तौर पर मेरे साथ जुड़ गए हैं। पंजाब के लोगों की बेहतरी के लिए उनके साथ काम करने को लेकर आशान्वित हूं।' मुख्यमंत्री कार्यालय ने आदेश की एक कॉपी ट्वीट करते हुए लिखा है, प्रशांत किशोर को एक कैबिनेट मंत्री का प्रोटोकॉल दिया जाएगा। किशोर की नियुक्ति के नियम और शर्तों के अनुसार उनकी नियुक्ति पंजाब के वर्तमान मुख्यमंत्री के कार्यकाल तक होगी।

वहीं अकाली दल ने प्रशांत किशोर की नियुक्ति पर सवाल उठाए हैं। अकाली दल ने मुख्यमंत्री पर एक 'जुमलाबाज' की नियुक्ति कर पंजाबियों के घावों पर नमक छिड़कने का आरोप लगाया है। अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा, 'यह स्पष्ट है कि कांग्रेस पार्टी एक बार फिर लोगों को धोखा देने के प्रयासों के तहत नये झूठ गढ़ने का सहारा ले रही है।' बहरहाल कैप्टन ने प्रधान सलाहकार की नियुक्ति में कोई असंवैधानिक कार्य नहीं किया है।

उधर बंगाल में दिनेश त्रिवेदी ने प्रशांत किशोर पर उनका ट्विटर अकाउंट कब्जे में लेने का आरोप लगाया और कहा कि उनके हैंडल से अपशब्द ट्वीट वे करते थे, बदनामी मेरी हो रही थी। उन्होंने कहा, प्रशांत किशोर की टीम के पास टीएमसी नेताओं के सोशल मीडिया अकाउंट के पासवर्ड तक हैं। पूर्व तृणमूल कांग्रेस नेता दिनेश त्रिवेदी ने पार्टी से इस्तीफा देने के बाद चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर और ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी पर निशाना साधा है। इसके साथ ही उन्होंने टीएमसी छोड़ने की वजहें बताई और आरोप लगाया कि बंगाल में हिंसा व भ्रष्टाचार सौ गुना ज्यादा बढ़ गई है।

दिनेश त्रिवेदी ने कहा, मुझे नहीं पता कि कौन ट्वीट करता था, लेकिन कई बार मेरे भी अकाउंट पर मैंने अपमानजनक ट्वीट देखे। इसके बाद मैंने उन्हें हटाने के लिए कहा या मुझे डिलीट करना पड़ा। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने भी यह महसूस किया कि दिनेश ऐसी अपमानजनक भाषा का उपयोग नहीं कर सकते हैं दिनेश त्रिवेदी ने यह भी कहा था कि एक दिन उन्होंने हिंदी में ट्वीट किया और पीएम के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल किया। सबसे पहले मैं हिंदी में ट्वीट नहीं करता और यह मेरी भाषा नहीं है। मेरी छवि धूमिल होगी। पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले चुनावों को लेकर सियासत हर दिन तेज होती जा रही है। एक तरफ जहां भाजपा के आला नेता बंगाल के दौरे पर जा कर सूबे की सीएम ममता बनर्जी पर पर तरह-तरह के बयान दे रहे हैं तो वहीं ममता बनर्जी भी उनको जवाब दे रही हैं। इस बीच टीएमसी के रणनीतिकार प्रशांत किशोर का बड़ा बयान आया। उन्होंने कहा है कि भाजपा पश्चिम बंगाल में दहाई का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाएगी।

प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर कहा, मीडिया ने भाजपा को लेकर जरूरत से ज्यादा ही प्रचार प्रसार किया हुआ है लेकिन हकीकत यह है कि पश्चिम बंगाल में बीजेपी को दहाई का आंकड़ा पार करने में ही जिद्दोजहद करनी पड़ेगी। उन्होंने

अपने ट्वीट को सेव करने की अपील करते हुए कहा कि अगर बीजेपी पश्चिम बंगाल में इससे बेहतर करती है तो वह इस जगह को छोड़ देंगे। इस पर भाजपा जनरल सेक्रेटरी और पश्चिम बंगाल के इंचार्ज कैलाश विजयवर्गीय ने प्रशांत किशों की इस चुनौती को कुबूल करते हुए जवाबी ट्वीट किया। उन्होंने कहा, पश्चिम बंगाल में भाजपा की जो सुनामी चल रही है, सरकार बनने के बाद इस देश को एक चुनाव रणनीतिकार खोना पड़ेगा।

अब पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पीके पर भरोसा जताया है तो पीके को पश्चिम बंगाल में अपना करिश्मा दिखाना पड़ेगा। (हिफी)

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