प्रशांत का दावा- 5 राज्य के चुनाव टालने के लिए एक देश-एक चुनाव की चर्चा
प्रशांत भूषण ने दावा किया है कि एक देश-एक चुनाव लागू करके केंद्र सरकार 5 राज्यों के चुनाव टालने की कोशिश में जुटी हुई है
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट प्रशांत भूषण ने दावा किया है कि एक देश - एक चुनाव लागू करके केंद्र सरकार पांच राज्यों के चुनाव टालने की कोशिश में जुटी हुई है।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने एक देश - एक चुनाव के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक कमेटी भी बना दी है। इसके बाद से ही चर्चा हो चली थी कि क्या अब देश में एक साथ लोकसभा और विधानसभा के चुनाव होंगे। इन्हीं चर्चाओं के बीच आज सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने अपने बयान में कहा है कि केंद्र सरकार एक देश - एक चुनाव को लेकर इसलिए प्रचार कर रही है क्योंकि वह आने वाले पांच राज्यों मध्य प्रदेश, मिजोरम, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के चुनाव को टालना चाहती है।
प्रशांत भूषण ने बड़ा आरोप लगाया कि एक देश - एक चुनाव के बहाने इन राज्यों में लोकसभा के साथ विधानसभा के चुनाव कराने के लिए केंद्र सरकार कोशिश कर रही है। प्रशांत भूषण ने कहा कि एक देश - एक चुनाव को संसदीय लोकतंत्र में लागू नहीं किया जा सकता है क्योंकि कोई भी सरकार बहुमत खो देने के बाद बीच में ही गिर जाती है और उसके बाद नई सरकार का चुनाव के माध्यम से गठन होता है। प्रशांत भूषण ने कहा कि इसका मतलब होगा कि हम भारत को लोकतांत्रिक प्रणाली से राष्ट्रपति के शासन वाली प्रणाली की तरफ ले जा रहे हैं तो इस कारण से यह संसदीय लोकतंत्र का पूरी तरह उल्लंघन होगा। प्रशांत भूषण यही नहीं रुके। उन्होंने कहा कि इन पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी अपनी बड़ी हार से डर रही है इसलिए वह एक देश - एक चुनाव के नाम पर विधानसभा चुनाव को लोकसभा चुनाव तक डालना चाहती है ताकि तब तक इन राज्यों में राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाए।