जनसंख्या नियंत्रण-राज्यसभा में बिल पेश-अधिकार खत्म करने की सिफारिश

बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए कठोर जनसंख्या नीति लाने हेतु राज्यसभा में भाजपा के तीन सांसदों की ओर से एक प्राइवेट बिल पेश किया गया है।

Update: 2021-07-10 12:59 GMT

नई दिल्ली। देश की बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए कठोर जनसंख्या नीति लाने हेतु राज्यसभा में भाजपा के तीन सांसदों की ओर से एक प्राइवेट बिल पेश किया गया है।

भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी, हरनाथ सिंह यादव और अनिल अग्रवाल द्वारा पेश किए गए जनसंख्या नियंत्रण के इस बिल में एक बच्चा नीति को प्रोत्साहित करने के लिए कई प्रावधान किए जाने का सुझाव दिया गया है। 2 से ज्यादा बच्चे होने पर सरकारी नौकरी छीनने और मतदान करने व चुनाव लड़ने तथा राजनीतिक पार्टी बनाने के अधिकार को समाप्त कर देने की बात कही गई है। अगर सभापति से अनुमति मिलती है तो इस बिल पर संसद के इसी सत्र में चर्चा कराई जा सकती है। उधर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी 11 जुलाई को प्रदेश में नई जनसंख्या नीति घोषित करने की बात कही है। उत्तर प्रदेश में वर्ष 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए इस मुद्दे पर संसद से लेकर सड़क तक राजनीति गरमाने के आसार पैदा हो रहे हैं। जनसंख्या नियंत्रण बिल के तौर पर लाए जा रहे इस प्रस्ताव में एक बच्चा नीति को प्रोत्साहित करने के लिए कई प्रावधान किए गए हैं। उदाहरण के रूप में अगर कोई दंपती एक बच्चे के जन्म के बाद ऑपरेशन करा लेता है और दूसरा बच्चा न पैदा करने की बात कहता है तो ऑपरेशन कराने वाले पति या पत्नी को 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए। इसके अलावा इस एक बच्चे के लड़का होने पर 50 हजार रुपये और लड़की होने पर एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए। इसके अलावा इस बच्चे को पढ़ाई के समय केंद्रीय विद्यालय में एडमिशन, मेडिकल-इंजीनियरिंग या मैनेजमेंट जैसे व्यावसायिक कोर्स करने के दौरान प्राथमिकता के साथ प्रवेश और फीस में माफी प्रदान किए जाने का प्रावधान किया गया है। बिल में कहा गया है कि अगर कोई दंपती दो बच्चे पैदा करता है तो उसके लिए कोई अतिरिक्त छूट या लाभ नहीं दिया जाएगा।

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