OBC फिर पड़े सब पर भारी- बिहार के बाद आया इस राज्य का आंकड़ा
बिहार के बाद अब आए एक और राज्य के जातिगत सर्वे के आंकड़ों ने राजनीतिज्ञों की नींद उड़ा दी है।
भुवनेश्वर। बिहार के बाद अब आए एक और राज्य के जातिगत सर्वे के आंकड़ों ने राजनीतिज्ञों की नींद उड़ा दी है। उजागर हुए सर्वे के मुताबिक इस राज्य में ओबीसी वर्ग की आबादी 46फीसदी है। ओबीसी राज्य का सबसे बड़ा सामाजिक समूह साबित हुआ है।
बुधवार को उड़ीसा में सरकार की ओर से कराए गए जातिगत सर्वे के आंकड़े सामने आने के बाद ओबीसी अब एक बार फिर से अन्य पर भारी पड़े हैं। उजागर हुए सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक ओबीसी वर्ग के लोगों की आबादी उड़ीसा में 46% है जो आबादी के लिहाज से राज्य का सबसे बड़ा सामाजिक समूह समूह उभरकर सामने आया है। ओबीसी वर्ग की आबादी में पिछले 10 वर्षों में बड़ा इजाफा दर्ज किया गया है। वह इसलिए की 2011 में हुई जनगणना के दौरान ओबीसी वर्ग की आबादी केवल 43% थी।
उड़ीसा राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में 20 8 पिछड़ी जातियां निवास कर रही है, जिन्हें इंफ्रास्ट्रक्चर, आजीविका और घर जैसी सुविधाओं के आधार पर पिछड़े वर्ग में शामिल किया गया है।
बुधवार को आयोग की सदस्य मिताली चिनार ने बताया है कि राज्य में यह जातिगत सर्वे जुलाई महीने में किया गया था। आंकड़ों से पता चला है कि राज्य की 46फीसदी आबादी यानी एक करोड़ 95 लाख व्यक्ति पिछड़े वर्ग के अंतर्गत आते हैं। आयोग की ओर से यह रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी गई है। इस रिपोर्ट का प्रकाशन किया जाना है या नहीं यह राज्य सरकार के ऊपर निर्भर है।
उन्होंने बताया है कि वर्ष 2021 की जनगणना अभी तक नहीं की गई है, लेकिन हमारा अनुमान है की उड़ीसा की आबादी 4 करोड़ 80 लाख है और उसके अनुपात में ही ओबीसी वर्ग की आबादी राज्य में एक करोड़ 95 लाख है। उड़ीसा से पहले बिहार, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और हरियाणा में राज्य सरकार की ओर से इस प्रकार का सर्वे कराया जा चुका है।