न बिजली न पानी- कीचड़ से सने अस्पताल की यही कहानी

अस्पताल प्रांगण के बाहर दलदली मिट्टी है,जो कीचड़ और दलदल से लबालब हुई पड़ी है, जो मरीजों को अस्पताल तक आने से रोक रही है।

Update: 2023-08-07 11:55 GMT

उमरिया। स्वास्थ्य सुविधाओं के प्रति सरकार का स्वास्थ्य विभाग अपने कर्तव्य के प्रति कितना संवेदनशील है, इसकी बानगी स्वयं अमरपुर अस्पताल का प्रांगण़ दे रहा है। अस्पताल प्रांगण के बाहर जबरदस्त दलदली मिट्टी है,जो कीचड़ और दलदल से लबालब हुई पड़ी है। जो मरीजों को अस्पताल तक आने से रोक रही है। इसके अलावा अस्पताल में करींब हफ्ते भर से लाइट गायब है, जिस वजह से भी मरीजों का हाल बेहाल है। सरकार की राज्य में स्वास्थय सुविधाये कितनी चाक चौबंद होकर मरीजों को स्वास्थ्य लाभ मुहैया करा रही है। इसका जीता जागता सबूत सीमावर्ती जिले में बसे अमरपुर में मौजूद 6 बेड के शासकीय अस्पताल है। जहां मूलभूत सुविधाओं में शुमार बिजली के अलावा पानी की भी बडी समस्या है, यहाँ पेय जल या निस्तार आदि के लिये पानी की भी समुचित व्यवस्था नही है। शायद इसीलिए अमरपुर अस्पताल से जुड़े दो दर्जन से अधिक गांवों के ग्रामीण शासकीय अस्पताल अमरपुर न जाकर बरही अस्पताल जाना ज्यादा सहज महसूस कर रहे है।

विदित हो कि अमरपुर अस्पताल में चिकित्सक के दो पद स्वीकृत है, परन्तु यहाँ फिलहाल एक ही चिकित्सक डॉ विवेक मेहोरिया सेवाएं दे रहे है, जो अनिवार्य ग्रामीण सेवा के तहत अनुबंध में है, इनकी सेवाएं भी सितंबर माह में समाप्त हो जायेगी। कुल मिलाकर जिले में स्वास्थ्य सुविधाएं पूरी तरह चरमरा रही है, अनायास परिजन परेशान होकर मरीजों को जबलपुर- कटनी ले जा रहे है। इसके अलावा क़ई बार मरीजों को दूर दराज ले जाने में मरीजों की मौत भी हो रही है। ज़रूरी है कि स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में दम तोड़ रहे शासकीय अस्पतालों में बड़े बड़े भवनों को बनाने की जगह बेहतर चिकित्सा व्यवस्था बहाल करने की ज़रूरत है।Full View

रिपोर्ट-चंदन श्रीवास, मध्यप्रदेश

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