विकसित राष्ट्र के लिए खनिज उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करना जरूरी

मुर्मु ने यहां राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र में आयोजित एक समारोह में राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार-2023 प्रदान किए

Update: 2024-08-20 10:42 GMT

नयी दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को कहा कि भारत के 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए खनिज उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करना महत्वपूर्ण है। श्रीमती मुर्मु ने यहां राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र में आयोजित एक समारोह में राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार-2023 प्रदान किए।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि भारत के 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए खनिज उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करना महत्वपूर्ण है। उन्होंने इस बात पर खुशी जतायी कि सरकार राष्ट्रीय भूविज्ञान डेटा रिपोजिटरी पोर्टल के माध्यम से भूवैज्ञानिक डेटा के एकीकरण, खनिज संसाधनों की खोज और खनन में कृत्रिम बुद्धिमत्ता तथा उभरती प्रौद्योगिकियों के उपयोग जैसे कई कदम उठा रही है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ये कदम हमें प्राकृतिक संपदा को बेहतर ढंग से समझने और उसका उचित उपयोग करने में सक्षम बनाएंगे।

श्रीमती मुर्मु ने कहा कि सतत विकास की ओर बढ़ते हुए भारत नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है। बड़े पैमाने पर स्वच्छ ऊर्जा को अपनाने के प्रयास इसी लक्ष्य के अनुरूप हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हरित परिवर्तन के लिए महत्वपूर्ण खनिजों और दुर्लभ पृथ्वी तत्वों जैसे खनिजों पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन की स्थापना से भारत को आत्मनिर्भर बनने और आर्थिक विकास तथा हरित क्रांति के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण खनिजों की मूल्य श्रृंखला को मजबूत करने में मदद मिलेगी।

राष्ट्रपति ने कोलकाता में राष्ट्रीय भूस्खलन पूर्वानुमान केंद्र की स्थापना पर खुशी जतायी जो सभी भूस्खलन-संभावित राज्यों के लिए प्रारंभिक चेतावनी बुलेटिन जारी करेगा। उन्होंने इस प्रणाली को इतना फुलप्रूफ और सटीक बनाने पर जोर दिया कि भूस्खलन और बाढ़ जैसी आपदाओं से कम से कम नुकसान हो।

श्रीमती मुर्मु ने कहा कि भारत का भूवैज्ञानिक इतिहास इसकी चट्टानों, मैदानों, जीवाश्मों और समुद्री तलों में दर्ज है और इसे भूवैज्ञानिक विरासत कह सकते हैं। उन्होंने युवाओं से भू-पर्यटन और भू-विरासत स्थलों के महत्व को समझने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि भू-पर्यटन लोगों को भू-विज्ञान के क्षेत्र में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करने का माध्यम हो सकता है। राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार की स्थापना खान मंत्रालय द्वारा भूविज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में असाधारण उपलब्धियों और उत्कृष्ट योगदान के लिए व्यक्तियों तथा टीमों को सम्मानित करने के उद्देश्य से की गई है।

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