जलवायु परिवर्तन से लड़ाई में नेतृत्व के लिए तैयार है भारत -यादव

जलवायु परिवर्तन मंत्री ने कहा कि भारत इस चुनौति का सामना करने में वैश्विक स्तर पर नेतृत्व प्रदान करने के लिए तैयार है

Update: 2021-07-23 17:49 GMT

नई दिल्ली । पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने विकसित देशों से जलवायु परिवर्तन से जुड़े पेरिस समझौते की शर्तों को पूरा करने की अपील करते हुये आज कहा कि भारत इस चुनौति का सामना करने में वैश्विक स्तर पर नेतृत्व प्रदान करने के लिए तैयार है।

जी-20 जलवायु सम्मेलन के दूसरे दिन विभिन्न सत्रों को संबोधित करते हुये यादव ने कहा कि पेरिस समझौते के अनुरूप सभी देशों की साझा, लेकिन अलग-अलग अनुपात में जिम्मेदारी तय होनी चाहिये। विकसित देशों ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए सस्ती प्रौद्योगिकी देने का विकासशील और अविकसित देशों से जो वादा किया था उन्हें उसे भी पूरा करना चाहिये।

इटली के नेपल्स में हो रहे इस सम्मेलन को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुये उन्होंने कहा कि भारत पेरिस समझौते और दूसरे बहुपक्षीय समझौतों के दायरे में जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में शामिल होने तथा उसका नेतृत्व करने की अपनी प्रतिबद्धता पर कायम है। हमने वर्ष 2030 तक 450 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल करने का लक्ष्य रखा है।

पर्यावरण मंत्री ने कहा कि पेरिस समझौते में यह तय हुआ था कि वर्तमान उत्सर्जन स्तर के अलावा ऐतिहासिक उत्सर्जन स्तर और प्रति व्यक्ति उत्सर्जन को ध्यान में रखकर राष्ट्रों की जिम्मेदारी तय की जायेगी। विकसित देशों को बार-बार गोलपोस्ट बदलने से बचना चाहिये।

उन्होंने शहरों में हरित क्षेत्र और जैव विविधता के संरक्षण को महत्त्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि भारत ने शहरों में हरित क्षेत्र बढ़ाने के लिए कई तरह की योजनाएँ शुरू की हैं। इनमें क्लाइमेट स्मार्ट सिटी एसेसमेंट फ्रेमवर्क, शहरों के लिए जलवायु केंद्र, क्लाइमेट स्मार्ट सिटी अलायंस और शहरी वानिकी शामिल हैं।

वार्ता





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