ऐसी संसद में स्पीकर और मेंबर तक सभी किसान -मुद्दा नये कृषि कानून
देश की लोकसभा से महज आधा किलोमीटर की दूरी पर स्थित जंतर मंतर पर किसानों की संसद चल रही है।
नई दिल्ली। देश की लोकसभा से महज आधा किलोमीटर की दूरी पर स्थित जंतर मंतर पर किसानों की संसद चल रही है। 10 राज्यों के 200 किसान इस अनोखी संसद के भीतर अपने हकहुकूकों की बात करने के लिए बैठे हुए हैं। सवेरे 11.00 बजे से चल रही संसद में सभी किसान मेंबर एक ही मुद्दे पर बोल रहे हैं।
शुक्रवार को जंतर मंतर पर तीन सत्रों के लिए आरंभ हुई किसान संसद की शुरुआत स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के चुनाव के बाद आरंभ हुई संसद की कार्यवाही के प्रत्येक सत्र में बोलने के लिए सदस्यों को 90 मिनट का समय मिला है। देश की यह एकमात्र ऐसी संसद है जहां मुद्दा सिर्फ एक है और वह है तीन नए कृषि कानूनों को रद्द किए जाने की मांग। इसी मुददे पर सभी को बोलने की इजाजत दी गई है। दिल्ली के गाजीपुर, सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर पिछले 8 महीने से किसान नये कृषि कानूनों को रदद किये जाने की मांग को लेकर धरना दे रहे हैं। जिनमें किसानों के तकरीबन 40 संगठन शामिल हैं। इन संगठनों को मिलाकर संयुक्त किसान मोर्चा बनाया गया है। मोर्चे ने प्रत्येक संगठन से 5-5 किसान लिए हैं जो रोजाना बदल-बदल कर किसान संसद में भेजे जा रहे हैं। पहले दिन सभी संगठनों के मुखिया व चार चार किसान भेजे गए थे। किसान संसद के दूसरे दिन यानी आज शुक्रवार को भी 40 संगठनों के प्रमुख पदाधिकारियों को जंतर मंतर पर कार्यवाही में भाग लेने के लिए भेजा गया। 9 अगस्त तक 200 किसानों के चयन के लिए रोटेशन की यही प्रक्रिया चलती रहेगी। वैसे तो संसद का मानसून सत्र आगामी 13 अगस्त तक चलेगा। लेकिन किसानों को जंतर मंतर पर बैठने के लिए 9 अगस्त तक की परमिशन दी गई।