आईएफएफआई भारतीय सिनेमा को बढ़ावा देने का प्रयास करता है- मुरुगन
विभिन्न सब्सिडी के साथ इस पहल ने फिल्म निर्माताओं के लिये कारोबारी सुगमता बढ़ा दी है।
पणजी। सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन ने कहा है कि भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) भारतीय सिनेमा को बढ़ावा देने का प्रयास करता है और इसे सुनिश्चित करने के लिये विभिन्न पहल करता है।
डॉ मुरुगन ने बुधवार को गोवा में आयोजित 55वें आईएफएफआई के उद्घाटन समारोह के दौरान एक वीडियो संदेश में कहा, “ आईएफएफआई भारतीय सिनेमा को बढ़ावा देने का प्रयास करता है और इसे सुनिश्चित करने के लिये विभिन्न पहल करता है। ”
उन्होंने बताया कि सरकार फिल्म-पायरेसी को रोकने में फिल्म उद्योग का समर्थन करने का प्रयास कर रही है। इसके अलावा, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा फिल्मों को सहूलियत देने के लिये शुरू की गयी एकल-खिड़की प्रणाली ने फिल्म-शूटिंग के लिये मंजूरी प्राप्त करना आसान बना दिया है। विभिन्न सब्सिडी के साथ इस पहल ने फिल्म निर्माताओं के लिये कारोबारी सुगमता बढ़ा दी है।
डॉ मुरुगन ने उल्लेख किया कि आईएफएफआई में क्रिएटिव माइंड्स ऑफ टुमॉरो (सीएमओटी) पहल शुरू हुई, जहां सौ युवा रचनात्मक व्यक्तियों को फिल्म दिग्गजों से मार्गदर्शन लेने और उनके साथ बातचीत से लाभान्वित होने का अवसर मिलेगा। राज्य मंत्री ने यह भी कहा कि दुनिया के सबसे बड़े फिल्म समारोहों में से एक आईएफएफआई को 1000 से अधिक प्रविष्टियां मिलीं। डॉ. मुरुगन ने यह भी कहा कि, आईएफएफआई इस वर्ष का सत्यजीत रे लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार प्रख्यात ऑस्ट्रेलियाई फिल्म निर्माता फिलिप नॉयस को देने पर गौरव महसूस कर रहा है।
इस अवसर पर आध्यात्मिक गुरु रविशंकर ने कहा, “ हर जीवन एक फिल्म की तरह है। मैं लोगों से मिलता हूं और उनकी कहानियां सुनता हूं। पूरी दुनिया एक कहानी सुनाने का मंच है। भारतीय पौराणिक कथाओं में देवताओं को मनोरंजन के साधनों से जोड़ा जाता है, जैसे भगवान शिव को डमरू बजाते हुये, देवी सरस्वती को वीणा बजाते हुये, भगवान कृष्ण को बांसुरी बजाते हुये नजर आते हैं। भारतीय संस्कृति मनोरंजन से जुड़ी हुई है, जो हमें खुशहाल जीवन जीने में मदद करती है। इस अवसर पर, निर्माता श्री महावीर जैन ने कोलंबिया के गृह युद्ध को समाप्त करने में रविशंकर द्वारा निभायी गयी महत्वपूर्ण भूमिका पर आधारित फिल्म का पहला ‘लुक’ जारी किया।
भव्य उद्घाटन समारोह में सिने-जगत के कुछ प्रतिभाशाली सितारों को सम्मानित किया गया, जिसकी मेजबानी अभिषेक बनर्जी और भूमि पेडनेकर ने की। फिल्म जगत के दिग्गजों सुभाष घई, चिदानंद नाइक, बोमन ईरानी, आर के सेल्वामणि, जयदीप अहलावत, जयम रवि, इशारी गणेश, आर सरत कुमार, प्रणिता सुभाष, जैकी भगनानी, रकुल प्रीत सिंह, रणदीप हुड्डा और राजकुमार राव को सिनेमा में उनके अपार योगदान के लिये सम्मानित किया गया।