मंदिर में आ रहे हैं तो मर्यादित कपड़े पहन कर ही आए- अन्यथा नो एंट्री
प्रत्येक धार्मिक स्थल की अपनी परंपरा और मर्यादा होती है उसी के अनुरूप मंदिर में मर्यादित आचरण करना चाहिए।
देहरादून। श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष ने कहा है कि प्रत्येक धार्मिक स्थल की अपनी परंपरा और मर्यादा होती है उसी के अनुरूप श्रद्धालुओं को मंदिर में पूजा अर्चना के दौरान आते समय मर्यादित आचरण करना चाहिए और मर्यादित वस्त्र पहन कर मंदिर में आते हुए पूजा अर्चना करनी चाहिए। रविवार को महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से जारी किए गए बयान पर अपने विचार व्यक्त करते हुए श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा है कि प्रत्येक धार्मिक स्थल की अपनी परंपरा और मर्यादा होती है उसी के अनुरूप मंदिर में मर्यादित आचरण करना चाहिए।
यह बात उन्होंने उस समय कही है जब मीडिया कर्मियों ने उनसे पूछा था कि महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से कहा गया है कि यदि स्त्री पुरुष मंदिरों में आ रहे हैं तो उनके शरीर का 80 प्रतिशत अंग ढका हुआ होना चाहिए। सभी को मंदिरों की मर्यादा का ख्याल रखते हुए मर्यादित वस्त्रों में मंदिर में प्रवेश करना चाहिए। इसी के जवाब में उन्होंने कहा है कि प्रत्येक धार्मिक स्थल की अपनी मर्यादा और मान्यताएं होती है, उसी माहौल के अनुरूप हमारा आचरण और वेशभूषा भी होनी चाहिए। उन्होंने कहा है कि पर्यटन और धार्मिक यात्रा के फर्क को सभी को समझना होगा। स्वाभाविक रूप से यदि आप धार्मिक स्थल की यात्रा पर जा रहे हैं तो निश्चित रूप से आप की वेशभूषा मर्यादित होनी चाहिए।