इंटर में नकल करते पकड़े गए तो नहीं दे सकेंगे दोबारा परीक्षा-जुर्माना भी होगा
इंटरमीडिएट की परीक्षा के दौरान बिहार में अगर कोई छात्र नकल करने के आरोप में निष्कासित किया जाता है
नई दिल्ली। इंटरमीडिएट की परीक्षा के दौरान बिहार में अगर कोई छात्र नकल करने के आरोप में निष्कासित किया जाता है तो ऐसे छात्र आगे की किसी भी विषय की परीक्षा नहीं दे सकेंगे। हर दिन निष्कासित परीक्षार्थी का डाटा माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पास भेजा जाएगा। नकल करते हुए पकड़े गए छात्र के ऊपर परीक्षा संचालन नियमावली के अंतर्गत 2000 का जुर्माना अथवा 6 महीने तक की जेल भोगनी होगी।
बिहार सरकार की ओर से इंटरमीडिएट की परीक्षा को नकल विहीन संपन्न कराने के उपाय किए जा रहे हैं। सरकार की ओर से निर्धारित की गई परीक्षा नीति के मुताबिक यदि इंटरमीडिएट की परीक्षा के दौरान कोई छात्र निष्कासित होता है तो उस छात्र को आगे की किसी भी विषय की परीक्षा में बैठने नहीं दिया जाएगा। इतना ही नही रोजाना निष्कासित होने वाले परीक्षार्थियों का डाटा केंद्र व्यवस्थापक की ओर से बोर्ड के पास भेजा जाएगा। नकल करते हुए पकड़े गए छात्र को बिहार परीक्षा संचालन नियमावली 1981 के अंतर्गत 2000 रूपये का जुर्माना या 6 महीने तक की जेल भी हो सकती है। हर दिन परीक्षा की रिपोर्ट बोर्ड द्वारा ऑनलाइन प्राप्त की जाएगी। इसके लिए बिहार बोर्ड द्वारा एग्जामिनेशन ऐप भी तैयार किया गया है, इस ऐप के माध्यम से प्रतिदिन निष्कासित परीक्षार्थी, उपस्थित परीक्षार्थी के साथ परीक्षा संचालन की समूची जानकारी केंद्र व्यवस्थापक को रोजाना बिहार बोर्ड के पास भेजनी होगी। नकलविहिन परीक्षा संपन्न कराने के लिये हर केंद्र पर तीन स्तरीय मजिस्ट्रेट की नियुक्ति की गई है। इसमें जोनल, सब जोनल एवं सुपर जोनल स्तर पर मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है। इसके अलावा हर परीक्षा केंद्र पर पुलिस बल को भी तैनात किया गया है।