अकालियों और आप के दोगलेपन से हैरान हूं- कैप्टन
इन दोनों पार्टियाें ने सदन में इन बिलों का समर्थन करने के कुछ घंटों बाद ही इनकी निंदा करनी शुरू कर दी ,इससे स्पष्ट है कि विपक्ष किसानों के मुद्दे पर गंभीर नहीं
चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने तीन संशोधित बिलों को लेकर शिरोमणि अकाली दल और आम आदमी पार्टी के दोहरे मापदंडों पर हैरानी जताते हुये कहा है कि इन दोनों पार्टियाें ने सदन में इन बिलों का समर्थन करने के कुछ घंटों बाद ही इनकी निंदा करनी शुरू कर दी ,इससे स्पष्ट है कि विपक्ष किसानों के मुद्दे पर गंभीर नहीं ।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि विपक्ष के नेता विधानसभा में बिलों के समर्थन में बोले और बिल पास होने के बाद वे राज्यपाल से मिलने उनके साथ गए लेकिन अब बाहर कुछ और ही बोली बोल रहे हैं।
सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने के बाद आज पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि किसानों ने इन बिलों के खि़लाफ़ कुछ भी नहीं कहा लेकिन इन पार्टियों ने बिलों को लेकर मीनमेख निकालना शुरू कर दिया । असल में किसानों के भविष्य को लेकर इनकी कोई रूचि नहीं है। किसानों के मुद्दे पर इनके रवैये से साफ हो गया है कि ये कतई गंभीर नहीं ।
अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया और आप पार्टी नेतृत्व के बयानों पर प्रतिक्रिया जताते हुये कैप्टन सिंह ने कहा कि यदि वो सोचते हैं कि कांग्रेस सरकार लोगों को मूर्ख बना रही है तो फिर वो इस बारे में सदन में बात क्यों नहीं रखते ।उन्होंने बिलों काे समर्थन क्यों दिया। यदि मैंने लोगों को मूर्ख ही बनाना होता तो मैं ईमानदारी से उनके साथ अपनी बात साझा क्यों करता। दरअसल अकाली और आप झूठ बालने के पहले से ही आदी हैं।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि आप की दिल्ली सरकार को पंजाब जैसे कानून लाने चाहिये ताकि केंद्रीय खेती कानूनों के घातक प्रभावों को प्रभावहीन बनाया जा सके। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी पंजाब के रास्ते पर चलना चाहिए।
कानूनी तौर पर बहुत से रास्ते मौजूद हैं लेकिन राज्यपाल लोगों की आवाज़ सुनते हुए अपनी जिम्मेदारी निभाएंगे। पंजाब की आवाज़ राज्यपाल के पास पहुँच चुकी है और वह भारत के राष्ट्रपति को बिल भेजेंगे। राष्ट्रपति राज्य के लोगों की भावनाओं और अपील को दरकिनार नहीं कर सकते।
सदन में आज अकाली नेता बिक्रम मजीठिया के बयानों वाले अखबारों की कापियां लहराये जाने पर चुटकी लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ये लोग सदन में कुछ और कहते हैं और बाहर कुछ और। इस तरह का रवैया अपनाने से लोग राजनेताओं की ईमानदारी पर संदेह प्रकट करना शुरू कर देंगे।
उन्होंने नवजोत सिंह सिद्धू के विधानसभा की कार्यवाही में भाग लेने पर प्रसन्नता जाहिर की । सिद्धू ने कल खेती बिलों पर अच्छी बहस की।
वार्ता