धर्मांतरण विरोधी विधेयक पर अध्यादेश को सरकार ने दी मंजूरी
धर्मांतरण विरोधी विधेयक पर अध्यादेश को सरकार की ओर से अपनी मंजूरी दे दी गई है
नई दिल्ली। धर्मांतरण विरोधी विधेयक पर अध्यादेश को सरकार की ओर से अपनी मंजूरी दे दी गई है। अब इस अध्यादेश को अगले सत्र में कर्नाटक विधानसभा के भीतर पेश किया जाएगा। इससे पहले कर्नाटक सरकार की ओर से अध्यादेश के माध्यम से धर्मांतरण विरोधी बिल लाने का फैसला किया गया था।
मंगलवार को कर्नाटक सरकार की ओर से धर्मांतरण विरोधी विधेयक पर अध्यादेश लाने को मंजूरी दे दी गई है। अब इसे अमलीजामा पहनाने के लिए विधानसभा के अगले सत्र में पेश किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि इससे पहले बोम्मई सरकार की ओर से पिछले साल के दिसंबर महीने में कर्नाटक धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का संरक्षण विधेयक-2021 को विधानसभा के भीतर पेश किया गया था। उस वक्त इस बिल को लेकर सदन में काफी हो हंगामा हुआ था। विपक्षी पार्टी कांग्रेस की ओर से इस विधेयक का जोरदार विरोध तरीके से विरोध किया गया था। उस समय कानून और संसदीय मामलों के मंत्री जेसी मधु स्वामी ने कहा था कि हमने कर्नाटक धर्म स्वतंत्रता अधिकार सुरक्षा विधेयक पारित कर दिया था। लेकिन किन्ही कारणों से यह विधान परिषद में पारित नहीं हो सका। इसलिए मंत्री मंडल की ओर से अध्यादेश लाने का निर्णय लिया गया है।
मंगलवार को राज्य सरकार के वादे को दोहराते हुए कर्नाटक के गृहमंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने कहा है कि यह विधेयक किसी धर्म के खिलाफ नहीं है। लेकिन जबरिया अथवा प्रलोभन के माध्यम से धर्मांतरण की कानून में कोई जगह नहीं है। इस कानून का विरोध करते हुए एक ज्ञापन के साथ ईसाई समुदाय के नेता सोमवार को राज्यपाल थावरचंद गहलोत से मिलने पहुंचे थे।
उनकी आशंकाओं को दूर करने का प्रयास करते हुए गृहमंत्री की ओर से स्पष्ट किया गया है कि प्रस्तावित कानून धार्मिक अधिकार प्रदान करने वाले संवैधानिक प्रावधानों में कटौती नहीं करता है