अनुसंधान पर जोर दें, विकसित भारत के निर्माण में जुटे विद्यार्थी
आज के युवा, जिस तरह देश के लिए काम कर रहे हैं, राष्ट्र निर्माण में जुट गए हैं, वो देखकर मैं बहुत भरोसे से भरा हुआ हूँ।"
नयी दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युवा विद्यार्थियों से विकसित भारत के निर्माण में जुटने का आह्वान करते हुए कहा है कि समस्याओं और चुनौतियों के समाधान के लिए अनुसंधान पर जोर दिया जाना चाहिए।
मोदी ने रविवार को आकाशवाणी पर अपने मासिक कार्यक्रम 'मन की बात ' की 94 वीं कड़ी में राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि विद्यार्थी शक्ति का दायरा बहुत विशाल है। यह शक्ति भारत को विश्व शक्ति बनाने का शक्तिशाली आधार है। न्होंने कहा, " आखिर, आज जो युवा हैं, वही तो भारत को 2047 तक लेकर जाएंगे। जब भारत शताब्दी मनायेगा, युवाओं की ये शक्ति, उनकी मेहनत, उनका पसीना, उनकी प्रतिभा, भारत को उस ऊँचाई पर लेकर जाएगी, जिसका संकल्प, देश, आज ले रहा है। हमारे आज के युवा, जिस तरह देश के लिए काम कर रहे हैं, राष्ट्र निर्माण में जुट गए हैं, वो देखकर मैं बहुत भरोसे से भरा हुआ हूँ।"
प्रधानमंत्री ने कहा कि युवा हैकॉथॉंन्स में समस्याओं का समाधान करते हैं। वे रात-रात भर जागकर घंटों काम करते हैं। यह बहुत ही प्रेरणा देने वाला है। बीते वर्षों में हुई एक हैकॉथॉंन्स ने देश के लाखों युवाओं ने मिलकर, बहुत सारी समस्याओं को निपटाया है, देश को नए समाधान दिए हैं। उन्होंने अफसोस व्यक्त करते हुए कहा कि विद्यार्थी शक्ति को मात्र छात्र संघ चुनाव से जोड़ दिया गया है।
मोदी ने कहा कि अनुसंधान का जुम्मा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों ने संभाल लिया है। इसी महीने 14-15 अक्टूबर को सभी 23 आईआईटी अपने नवाचार और खोज परियोजनाओं को प्रदर्शित करने के लिए पहली बार एक मंच पर आए। इस मेले में देशभर से चुनकर आए विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं ने 75 से अधिक बेहतरीन योजना को प्रदर्शित किया। परियोजना स्वास्थ्य देखभाल, कृषि , रोबोटिक्स, सेमीकंडक्टर फाइव जी दूरसंचार आदि पर बनाई गई थी। उन्होंने प्रदर्शनी में रखे गए एक पोर्टेबल वेंटीलेटर का उल्लेख किया जिसका प्रयोग दूरदराज के क्षेत्रों में बच्चों के लिए किया जा सकता है। प्रधानमंत्री ने देश में फाइव जी दूरसंचार की शुरुआत में आईआईटी मद्रास और कानपुर की सराहना करते हुए कहा कि अन्य संस्थान भी इनसे प्रेरणा लेंगे।