शिक्षा मित्रों का मानदेय बढ़ाने का फैसला चुनावी राजनीति -मायावती

सुप्रीमो मायावती ने शिक्षा मित्रों का मानदेय बढ़ाने की संभावना को चुनावी राजनीति से प्रेरित बताया है।

Update: 2021-07-26 07:40 GMT

लखनऊ । बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने शिक्षा मित्रों का मानदेय बढ़ाने की संभावना को चुनावी राजनीति से प्रेरित बताते हुये कहा कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कांग्रेस के नक्शेकदम पर चल रही है।

मायावती ने सोमवार को ट्वीट किया " अगर यह खबर सही है कि यूपी में विधानसभा चुनाव से पहले बढ़ सकता है शिक्षा मित्रों का मानदेय तो यह काफी विलम्ब से उठाया गया कदम है जो यह कार्य बहुत पहले हो जाना चाहिये था जबकि चुनाव के नजदीक ऐसे फैसले करना कांग्रेसी कल्चर रहा है जिसपर अब भाजपा भी चल रही है। जनता यह सब समझती है।"

उन्होने कहा 44 बीएसपी की कार्यशैली ऐसी संकीर्ण चुनावी सोच से हमेशा अलग व पाक-साफ रही है। इसी कारण सन् 2007 में सरकार बनते ही हमने अपरकास्ट की भर्ती पर लगी रोक को तुरन्त हटाया जिससे फिर इस पूरे समाज को भरपूर लाभ हुआ तथा उन्हें यहाँ वर्षों बाद बड़ी संख्या में सरकारी नौकरी मिली।"

मीडिया रिपोर्टस के अनुसार योगी सरकार विधानसभा चुनाव से पहले करीब डेढ लाख शिक्षा मित्रों के मानदेय दो से चार हजार रूपये की बढोत्तरी कर सकती है। शिक्षा मित्रों को फिलहाल 10 हजार रुपये मानदेय मिलता है और पिछले चार सालाें में इसमें बढोत्तरी नहीं की गयी है।

वार्ता

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