महंगी बिजली के विरोध में उतरी उपभोक्ता परिषद- शिकायत कर मांगा स्टे
50 रुपए प्रति यूनिट निर्धारित की गई है जिसे किन्हीं भी दशा में कहीं से भी जायज नहीं कहा जा सकता है।
लखनऊ। विदेश से मंगाए गए कोयले से तैयार की गई बिजली को महंगी बेचे जाने का विरोध करते हुए उपभोक्ता परिषद ने रेगुलेटर्स आफ फोरम में शिकायत दर्ज कराते हुए इस पर रोक लगाने की मांग उठाई है।
मंगलवार को उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने फोरम ऑफ रेगुलेटर्स के चेयरमैन आर पी सिंह से मुलाकात करते हुए बताया है कि विदेशी कोयले और गैस से संचालित होने वाले पावर प्लांट से बिजली बिजली बेचने की अधिकतम कीमत 50 रुपए प्रति यूनिट निर्धारित की गई है जिसे किन्हीं भी दशा में कहीं से भी जायज नहीं कहा जा सकता है।
गर्मी के मौसम में जब बिजली की डिमांड बढ़ेगी तो बिजली विभाग को एनर्जी एक्सचेंज के अंतर्गत महंगी बिजली खरीद कर लोगों को देनी पड़ेगी, जिसका भार सीधे-सीधे उपभोक्ताओं पर डाला जाएगा।
उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन यदि 50 रुपए प्रति यूनिट की बिजली खरीदता है तो उपभोक्ताओं को बिजली काफी महंगी पड़ेगी। लागत से कई गुना अधिक दाम पर बेची जाने वाली बिजली का भार उपभोक्ताओं को उठाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि हाई प्राइस अहेड मार्केट में बिजली की कीमत जो 50 रुपए प्रति यूनिट सीलिंग निर्धारित की गई है, यह बहुत ज्यादा है। पूरे देश में किसी भी हालत में गैस आधारित उत्पादन इकाई की लागत अधिकतम 20 रुपए प्रति यूनिट से अधिक नहीं हो सकती है। विदेशी कोयला आधारित उत्पादन इकाइयों की अधिकतम कीमत 8 से 9 रुपए प्रति यूनिट से ऊपर नहीं आती है। परिषद अध्यक्ष ने कहा कि इस फैसले से कुछ निजी घरानों को बहुत बड़ा फायदा मिलेगा।