गंग नहर के पानी में समाई बाइक-पत्नी की मौत-पति को बचाया

गंगनहर पटरी सडक मार्ग मौत का सफर बनता जा रहा है।

Update: 2021-06-25 09:45 GMT

खतौली। गंगनहर पटरी सडक मार्ग मौत का सफर बनता जा रहा है। तीर्थ नगरी हरिद्वार से लौट रहे दंपत्ति की बाइक अनियंत्रित होकर गंगनहर में समा गई। पति तो किसी तरह हाथ पांव मारते हुए बाहर निकल आया। लेकिन पत्नी की मौत हो गई। पुलिस गोताखोरों के जरिए महिला के शव को बाहर निकलवाने के प्रयासों में लगी हुई है।

गाजियाबाद निवासी गौरव त्यागी बीते दिन पूर्णिमा के मौके पर उत्तराखंड की तीर्थ नगरी हरिद्वार में गंगा स्नान करने के लिए गया था। पत्नी शालू के साथ हरिद्वार में गंगा स्नान करने के बाद दोनों पति-पत्नी ने तीर्थ नगरी के विभिन्न मंदिरों के दर्शन किए। इसके बाद गौरव त्यागी और उसकी पत्नी शालू बाइक पर सवार होकर गाजियाबाद के लिए वापस चल दिए।

उत्तराखंड के मंगलौर से चौधरी चरण सिंह गंग नहर पटरी मार्ग से होते हुए गाजियाबाद जा रहे दंपति जब खतौली से गुुजरने के बाद रतनपुरी थाना क्षेत्र के ग्राम सठेडी स्थित गंग नहर के पुल के समीप पहुंचे तो उसी समय सामने से आ रही तेज रफ्तार कार को बचाने के प्रयास में बाइक अनियंत्रित हो गई। बाइक चला रहे गौरव त्यागी ने स्वयं को नियंत्रित करने के हर संभव प्रयास किए। मगर बाइक नियंत्रित नहीं हो सकी और वह किनारे पर बह रही गंग नहर में जा गिरी। नहर में गिरते ही पति, पत्नी और बाइक गहरे पानी में समा गए। गौरव त्यागी तो किसी तरह हाथ पैर मारते हुए गंग नहर के पानी से बाहर निकल आया। लेकिन पत्नी पानी में ही समा गई। इस दुर्घटना को देखकर अनेक लोग मौके पर जमा हो गए। मामले की जानकारी पाकर गंग नहर पुल पर ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मी घटनास्थल पर पहुंचे।

इसी बीच मामले की जानकारी पाकर रतनपुरी थाना अध्यक्ष भी पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए और पानी में समाई शालू की गोताखोरों के जरिए तलाश शुरू कराई। गौरतलब है कि बीते दो-तीन दिन पहले ही गंग नहर के सठेरी पुल के समीप ही पानी में लगभग 6 माह पहले समाई एक कार भी मिली थी। जिसके अंदर से तितावी थाना क्षेत्र के गांव लखान निवासी दिलशाद अंसारी का सड़ा गला शव बरामद हुआ था। गंग नहर पटरी मार्ग की दूरी कम होने और टोल टैक्स से बचने के लिये ज्यादातर लोग इसी रास्ते का इस्तेमाल करते है। गंगनहर की साईड में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम ना होने की वजह से तेज रफ्तार वाहन अनियंत्रित होकर नहर में समा जाते है। गंगनहर पर ओवरलोड ट्रकों के चलने से भी हादसे की संख्या में भारी इजाफा हुआ है।

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