सरकार और किसानों के बीच बनी सहमति- SDM को भेजा छुट्टी

धरना दे रहे किसानों पर तत्कालीन एसडीएम आयुष सिन्हा के लाठीचार्ज के आदेश के बाद सुशिल काजल की मौत हो गई थी

Update: 2021-09-11 08:10 GMT

चंडीगढ़। अगस्त माह के लास्ट सप्ताह में धरना दे रहे किसानों पर तत्कालीन एसडीएम आयुष सिन्हा के लाठीचार्ज के आदेश के बाद सुशिल काजल की मौत हो गई थी। इसके बाद किसान उनके परिजनों को नौकरी के अलावा कुछ और भी सहायता के लिए मांग पर अड़ गए थे। आज किसानों और सरकार के बीच हुई वार्ता धरना प्रदर्शन समाप्त हो जाएगा क्योंकि लाठीचार्ज का आदेश देने वाले तत्कालीन एसडीएम के विरुद्ध न्यायिक जांच होगी और साथ ही उनके परिवार के दो लोगों को सरकारी नौकरी दी जाएगी।




गौरतलब है कि 28 अगस्त को तीन किसी कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन कर रहे थे। इसी दौरान इसी दौरान करनाल में धरना दे रहे हैं किसानों पर तत्कालीन एसडीएम ने लाठीचार्ज के आदेश दे दिए थे जिसमें सुशील काजल की मौत भी हो गई थी। इसके पश्चात किसान तत्कालीन एसडीएम आयुष सिन्हा को निलंबित, उन पर हत्या की धाराएं लगाई जाएं, परिजनों को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए, शहीद का दर्जा मिले, लाठीचार्ज में घायल किसानों को 2-2 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए को लेकर धरना दे रहे थे। तत्कालीन एसडीएम को निलंबित कराने की मांग पर अड़े किसानों से आज हरियाणा सरकार के अफसरों ने बातचीत की। बैठक के पश्चात अपर मुख्य सचिव देवेंद्र सिंह ने कहा है कि सरकार के अफसरों और कृषि नेताओं के बीच एक बैठक के बाद हरियाणा सरकार ने 28 अगस्त को बसताड़ा टोल घटना की जांच का आदेश दिया, जो एक सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश द्वारा किया जायेगा। उन्होंने कहा कि जांच एक माह में पूरी हो जाएगी और इस दौरान तत्कालीन एसडीएम आयुष सिन्हा छुट्टी पर रहेंगे। मृतक किसान सतीश काजल के परिवार के दो लोगों को स्वीकृत पदों पर नौकरी भी दी जायेगी

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