अदालत के आदेश के बाद दो पुलिसकर्मी लाइन हाजिर
उसके दूसरे दिन आरोपी कुलवंत करीब पचास लोगों के साथ घर में घुस मकान के कुछ हिस्सों पर कब्जा कर लिया।
गोंडा। उत्तर प्रदेश के गोण्डा जिले के मनकापुर कोतवाली क्षेत्र में दीवानी न्यायालय से स्थगन आदेश के बावजूद गुरुद्वारा सहित रिहायशी मकान पर मनकापुर पुलिस द्वारा कब्जा कराने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ द्वारा कोतवाल और निरीक्षक को तत्काल गैर जनपद स्थानांतरित करने के आदेश के बाद पुलिस अधीक्षक ने दोनों पुलिसकर्मियों को शुक्रवार को लाइन हाजिर कर दिया ।
पीड़िता गुरुबचन कौर के अनुसार वह और उनके पुत्र अमरजीत सिंह व स्वर्णपाल सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी कि उनका मनकापुर बाजार में एक मकान व गुरुद्वारा है। इस पर विवाद को लेकर दीवानी न्यायालय में गुरुबचन कौर बनाम कुलवंत कौर आदि के नाम वाद दायर था। मामले में 17 जुलाई 2023 को न्यायालय ने स्थगनादेश पारित किया। लेकिन गत 15 सितंबर को मनकापुर कोतवाली में तैनात अपराध निरीक्षक अरुण कुमार राय कुछ अन्य पुलिसकर्मियों के साथ आ धमके और मकान व गुरुद्वारा खाली करने को कहा।
उसके दूसरे दिन आरोपी कुलवंत करीब पचास लोगों के साथ घर में घुस मकान के कुछ हिस्सों पर कब्जा कर लिया। पीड़ित गुरुबचन के मुताबिक इस संबंध में उन्होंने पुलिस अधिकारियों से मामले की शिकायत की तो कोतवाल सुधीर कुमार सिंह ने पीड़िता के बेटों को जेल भेजने की बात कहकर उन्हें धमकाना शुरू कर दिया।
इस मामले में पुलिस अधीक्षक अंकित मित्तल मिली शिकायत पर ने कोतवाल सुधीर कुमार सिंह व अपराध निरीक्षक अरुण कुमार राय की भूमिका की जांच के लिए पुलिस उपाधीक्षक को आदेश दिया। जांच में दोनों पुलिसकर्मी दोषी पाए गये। इसी आधार को संज्ञान में लेकर पीड़िता गुरुबचन कौर की याचिका पर न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा व नरेंद्र कुमार जौहरी की खंडपीठ ने मनकापुर कोतवाल सुधीर कुमार सिंह व अपराध निरीक्षक अरुण कुमार राय को तत्काल गोंडा जिले से हटाकर किसी अन्य जिले में तैनात करने का आदेश दिया है। अगली सुनवाई की तिथि 18 अक्टूबर निर्धारित कर दी।
एसपी मित्तल ने बताया कि न्यायालय के आदेश के अनुपालन में दोनों आरोपी पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर गैरजनपद स्थानांतरण के लिये उच्चाधिकारियों को पत्र प्रेषित किया है।